-पत्नी (पति से)- देखो जी, हमारी शांताबाई का पति, उसको खुश रखने के लिए, हर हफ्ते फिल्म दिखाने ले जाता है, आप क्यों नही ले जाते?
पति (पत्नी से)- अरे, मैंने भी शांताबाई को फिल्म के लिए बुलाया, लेकिन उसने मना कर दिया, इसमें मेरी क्या गलती है?
-पति पत्नी और वो
-पत्नी (पति से)- मुझे 50 रुपये की जरूरत है!
पति (गुस्से से)- तुम्हें रुपये से ज्यादा अक्ल की जरूरत है!
पत्नी- आपसे वही चीज मांगी है, जो आपके पास है!
-पति पत्नी और वो
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-पत्नी (पति से)- तुम्हें नही लगता की जरा सी समझदाराी से लाखों तलाक के मामले रोके जा सकते हैं।
पति (पत्नी से)- जरा सी समझदारी से शादियां भी तो रोकी जा सकती है।
-पति पत्नी और वो
-मरते समय पति ने अपनी पत्नी को सब कुछ सच बताना चाहा। उसने कहा- मैं तुम्हें जीवन भर धोखा देता रहा।
सच तो यह है कि दर्जनों औरतों से मेरे संबंध रहे हैं।
पत्नी (पति से)- मैं भी सच बताना चाहूंगी। तुम बीमारी से नही मर रहे मैंने तुम्हें धीरे-धीरे असर करने वाला जहर दिया है।
-पति पत्नी और वो
-एक घर में चोर घुस गया, पति-पत्नी ने मिलकर चोर को पकड़ लिया।
पत्नी जो बहुत ही मोटी थी, चोर के कंधो पर बैठ गई और बोली- सुनोजी आप जल्दी से पुलिस को बुला लाओ, तब तक मैं इसे पकड़ कर रखती
हूं पति इधर-उधर देखने लगा।
बीवी- अरे क्या देख रहे हो?
पति- मेरी चप्पल नहीं मिल रही...
चोर (कराहते हुए) - जल्दी कर भाई, मेरी ही पहन जा!
-पति पत्नी और वो
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-पति और पत्नी मंदिर में गये।
पति ने पूछा- तुमने क्या मांगा?
पत्नी ने कहा- आप और मैं सात जनम तक साथ रहें।
पत्नी- और आपने क्या मांगा?
पति- ये हमारा सातवां जनम हो।
-पति पत्नी और वो
-वृद्ध पति-पत्नी अपनी शादी की पचासवीं वर्षगांठ मना रहे थे।
एक समाचार पत्रकार का रिपोर्टर उनसे इंटरव्यू लेने आया। मैंने सुना है भटनागर जी, कि केवल 1500 रुपये के मासिक वेतन पर आपने सात
बेटों तथा चार बेटियों का पालन किया है।
श..श..श.. इतनी जोर से न बोलो। क्या तुम मेरी इस अवस्था में फजीहत कराना चाहते हो? मेरी पत्नी का तो सदा यह विचार रहा है कि मुझे
केवल 1200 रुपये मासिक मिलता है।
-पति पत्नी और वो
-एक डॉक्टर के क्लिनिक के बाहर मरीजों की भीड लगी थी!
जब कोई आदमी आगे जाता, उसे लोग पकड के पीछे खींच लेते, एक आदमी कई बार आगे जाने की कोशिश किया पर उसे भी लोगों ने पीछे खींच लिया!
5-6 बार पीछे खींचे जाने के बाद वो आदमी चिल्लाया...
सालों...लगे रहो लाईन में.....मै भी आज क्लिनिक नहीं खोलूँगा!
-डॉक्टर
-डॉक्टर(पागल से): तुम पागल कैसे हुए?
पागल: मैंने एक विधवा से शादी की, उसकी जवान बेटी से मेरे बाप ने शादी की तो मेरी वो बेटी मेरी मां बन गई उनके घर बेटी हुई तो वह मेरी बहन हुई, मगर मैं उसकी नानी का शौहर था, इसलिए वह मेरी नवासी भी हुई इसी तरह मेरा बेटा अपनी दादी का भाई बन गया, और मैं अपने बेटे का भांजा और मेरा बाप मेरा दामाद बन गया, और मेरा बेटा अपने दादा का साला बन गया और...
डॉक्टर: अबे चुपकर मुझे भी पागल करेगा क्या?
-डॉक्टर
-एक आदमी डॉक्टर के पास गया,और डॉक्टर से कहा: डॉक्टर साहब मुझे लगता है कि मेरी बीवी को सुनने में कुछ समस्या है, जितना सुनाई दिया जाना चाहिए उतना भी उसे मुश्किल से सुनाई देता है, आप ही बताएं कि मैं क्या करूँ?
डॉक्टर ने कहा पहले तो आप वो कीजिये जो मैं कहता हूँ जब आपकी बीवी रसोई में खाना बना रही हो तो आप 15 कदम दूर से उनसे कुछ पूछना,अगर वो जवाब न दे तो थोड़ा पास जाकर फिर वही बात पूछना जब तक वो जवाब न दें!
वह अपने घर गया उसने देखा कि उसकी बीवी रसोई में खाना पका रही है, वह कोई 15 कदम दूर खड़ा हो गया उसने आवाज लगाईं, अरे भई खाने में क्या बन रहा है?
उसे कोई जवाब सुनाई नहीं दिया वह थोड़ा सा आगे गया!
लगभग 10 कदम से आवाज लगाईं, उसने फिर से वही पूछा, फिर भी उसे कोई जवाब सुनाई नहीं दिया!
आखिर में वो अपनी पत्नी के बिलकुल पीछे खड़ा हुआ और उसने फिर वही प्रश्न पूछा,अरे! आज खाने में क्या बन रहा है?
चौथी बार कह रही हूँ चिकन! अच्छा है कि तुम अपने कान डॉक्टर को दिखा आओ!
-डॉक्टर
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-एक कस्बे में एक नया डॉक्टर आया जो कुछ ही दिनों में काफी चर्चित हो गया, सब कहने लगे कि वो चमत्कारी है, वह किसी की किसी भी बीमारी का इलाज कर देता था, सभी लोग उससे चकित थे कि वो ये सब कैसे कर लेता है, सिवाय बंता के?
तो एक दिन बंता उस डॉक्टर के पास ये साबित करने गया कि वो कोई चमत्कारी नहीं है!
वह अंदर गया और डॉक्टर से कहा कि मैं अपनी स्वाद लेने वाली इन्द्री खो चुका हूँ मैं कुछ भी चखता हूँ, मुझे उसका स्वाद नहीं आता?
डॉक्टर अपने सिर को खुजलाने लगा, और अपने मुहं के अंदर बड़बड़ाने लगा इसे क्या दूँ? इसे क्या दूँ?
और एक दम से कहा ज़ार नम्बर 43 डॉक्टर ने कहा तुम्हें 43 नम्बर का ज़ार कि जरुरत है, बंता हैरान होकर कहने लगा कि 43 नम्बर का ज़ार?
तभी डॉक्टर कहीं बाहर गया और 5 मिनट बाद हाथ में एक डब्बा लाया और बंता को उसमें से कुछ निकाल के दिया बंता ने जैसे ही चखा वैसे ही थूक दिया!
छि: छि: ये तो टट्टी है! वो जोर से चिल्लाया...
डॉक्टर ने कहा मैंने तुम्हारी जीभ का स्वाद ठीक कर लिया है, तब बंता बहुत दुखी होकर अपने घर वापिस गया!
एक महीने बाद फिर से बंता एक नयी समस्या लेकर उसी डॉक्टर के पास आया और कहने लगा डॉक्टर साहब अब मुझे कुछ भी याद नहीं रहता है, मेरी स्मरण शक्ति कमजोर हो गयी है!
उसने फिर डॉक्टर को परेशानी में डाल दिया, डॉक्टर फिर सिर खुजलाने लगा और मुहं में बड़बड़ाने लगा! क्या करूँ? क्या करूँ? तब बंता से कहा, क्या तुम्हें ज़ार नम्बर 43 याद है!
जैसे ही डॉक्टर के मुहं से बंता ने ज़ार नंबर 43 सुना उसने आगे कुछ भी नहीं सुना और वहां से तुरंत भाग गया!
-डॉक्टर
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-डॉक्टर: मुझे लगता है तुम पूरा एक महीने बाद यहाँ आये हो तुमने मेरी बात नहीं मानी, जबकि मैंने तुम्हें कहा था की जो तुम्हारी बीमारी है, उसमें तुम्हें लगातार अपनी जाँच करवानी पड़ेगी?
क्या तुम्हारे पास कोई बहाना है?
रोगी: मैंने तो बस आपकी ही बात मानी है साहब!
डॉक्टर: मेरी कौन सी बात मानी है? तुम क्या कह रहे हो? मैंने तो तुम्हें कोई बात नहीं कही थी!
रोगी: आपने ही तो कहा था कि जिन लोगों को देख कर चिढ़ हो उनसे दूर ही रहना!
-डॉक्टर
-एक बार एक स्वास्थ्य मंत्री एक मनोरोगियों के अस्पताल में गया, वह सबसे पहले मुख्य मनोचिकित्सक से मिला फिर उससे पूछने लगा आप कैसे पता लगाते हैं कि एक रोगी बिल्कुल ठीक हो गया है!
मनोचिकित्सक उसे एक कमरे में ले गया जहाँ कुछ रोगी खड़े थे और पास में एक बाथटब पानी से भरा हुआ था मनोचिकित्सक ने कहा, सर हम उन्हें उस बाथटब के पास ले जाते हैं!
और उन्हें एक चम्मच और एक कप देते हैं, और उन्हें बाथटब खाली करने को कहते हैं हाँ मैं देख रहा हूँ!
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा! जो बिलकुल ठीक हो जाता है वो तो कप का इस्तेमाल करता होगा ताकि टब जल्दी खाली हो जाए!
मनोचिकित्सक ने कहा, जी नहीं सर!
जो बिलकुल ठीक हो जाता है वो सीधे जाकर इलैक्ट्रिक प्लग दबाता है, जिससे पानी खुद-ब-खुद बाहर चला जाता है!
-डॉक्टर
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