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बुधवार, 30 दिसंबर 2015

इन जगहों पर न्यू ईयर सेलिब्रेट करने से तनाव होगा छूमंतर | गीला मोजा पहनकर सोने से होते हैं कई स्‍वा

 
December 31, 2015 | www.onlymyhealth.com
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इन जगहों पर न्यू ईयर सेलिब्रेट करने से तनाव होगा छूमंतर

हैप्पीनेस नए साल पर छुट्टियों का मजा लेने और सैर सपाटा करने का। इस तरह न सिर्फ आप न सिर्फ एक मज़ेदार तरीके से अपनों के साथ नए साल की शुरुआत कर पाते हैं, बल्कि बितते साल की सारी परेशानियों और तनाव को भी कम कर पाते हैं।

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गीला मोजा पहनकर सोने से होते हैं कई स्‍वास्‍थ्‍य लाभ

घरेलू नुस्‍खे सुनने में भले ही अजीब लगता हो पर गीले मोजे को पहनकर सोने से कई स्वास्थअय लाभ होते है। बुखार, जुकाम, पेट संबंधी कई रोगों में आराम मिलता है।

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इ‍सलिए नहीं करनी चाहिए ईयर कैडलिंग करने की कोशिश

सौंदर्य पार्लरों ने अब लोगों को कान साफ करने के लायक भी नहीं छोड़ा। मतलब अब ईयर कैंडलिंग करवाकर लोग कान साफ करवाने लगे हैं जबकि कान घर में बैठे-बैठे भी पिन से साफ कर सकते हैं। ऐसे में यहां इस लेख में इयर कैंडलिंग के नुकसान के बारे में पढ़ें।

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पुरुषों की पाचन शक्ति बढ़ाने के लिए टिप्‍स

स्वस्थ खान-पान आप अपनी सेहत को सुधारने की सोच रहे हैं तो सबसे जरूरी है पाचन शक्ति को मजबूत बनाइए और अपनी अनियमित दिनचर्या में बदलाव लाइए।

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जानें क्या होती है ईयर कैंडलिंग

सौंदर्य उपचार कान में जमा मैल की सफाई के लिए अपनाएं जाने वाले ईयर कैंडलिंग के तरीके के बारें पढ़े। हालांकि ये तरीका सुरक्षित नहीं माना जाता है।

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Q:क्या बादाम खाने से माइग्रेन में आराम मिलता है? No of Answers : 1
Q:बादाम का पेस्ट के क्या फायदे हैं? No of Answers : 1
Q:होंठों के पास काले रंग के निशान को कैसे दूर कर सकते हैं? No of Answers : 1
Q:खुरदरे हाथों को सॉफ्ट करने के क्‍या उपाय है? No of Answers : 1
Q:तलाक लेना सही है की नहीं? No of Answers : 1
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सोमवार, 28 दिसंबर 2015

हार्टबर्न की शिकायत है तो करें सेब का सेवन | आपके पसंदीदा गानों में झलकती है आपकी मानसिकता |

 
December 29, 2015 | www.onlymyhealth.com
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हार्टबर्न की शिकायत है तो करें सेब का सेवन

घरेलू नुस्‍खे पेट में बनने वाले एसिड के कारण हार्टबर्न की समस्या पैदा होती है। लेकिन सवाल यह है इससे बचने के लिए क्या किया जाए? आहार विशेषज्ञों की राय लें तो हार्टबर्न से बचने के लिए सबसे बेहतरीन उपचार सेब है।

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आपके पसंदीदा गानों में झलकती है आपकी मानसिकता

मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य गानें सुनना हर किसी को पसंद होता है और कई बार गानें तनावमुक्त करने का भी काम करते हैं। लेकिन क्या आपको मालुम है कि गाने आपके मानसिक स्वास्थ्य की गवाही भी देते हैं।

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जानें आपको क्‍यों कराना चाहिए दांतों का एक्‍स-रे

दंत स्वास्‍थ्‍य दांतों  का एक्स रे कराने से पहले डॉक्टर से एक बार सलाह जरूर ले लेनी चाहिए। बार-बार डेंटल एक्सरे कराने से दांतों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।

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इतनी बुरी भी नहीं है बीयर

खेल और फिटनेस बीयर पीने से पेट निकलता है, बीयर में एल्कोहल ज्यादा होता है, बीयर के बारे में आपके मन में तमाम भ्रांतियां हैं, लेकिन असल में ऐसा नहीं है, बीयर इतनी भी बुरी नहीं है, बल्कि यह कुछ मामलों में फायदेमंद भी है।

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पुरुषों में कैंसर के दस शुरुआती लक्षण

कैंसर कैंसर के शुरुआती लक्षणों को अगर पहचान लिया जाये तो इसे खतरनाक स्थिति तक पहुंचने से रोका जा सकता है, इसके शुरुआती लक्षणों को जानने के बाद इसके उपचार में आसानी होती है।

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Q:क्या आयुर्वेद से स्वाइन फ्लू का इलाज संभव है? No of Answers : 1
Q:क्‍या पेट की मालिश स्‍वास्‍थ्‍य के लिए फायदेमंद होती है? No of Answers : 1
Q:सोने से पहले पैरों की मालिश करने के क्‍या फायदे है? No of Answers : 1
Q:विन्यास योगा क्या है? No of Answers : 1
Q:क्या चंदन सिरदर्द में राहत देता है? No of Answers : 1
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सफल घरेलू नुस्खे

सफल घरेलू नुस्खे

कफ और सर्दी जुकाम होने पर
आए दिन सर्दी जुकाम, कफ की समस्या आती रहती है. आप ये सरल घरेलू नुस्खे आजमाकर इनसे बचे रह सकते हैं.

1. नाक बह रही हो तो काली मिर्च, अदरक, तुलसी को शहद में मिलाकर दिन में तीन बार लें. नाक बहना रुक जाएगा.
2. गले में खराश या ड्राई कफ होने पर अदरक के पेस्ट में गुड़ और घी मिलाकर खाएं, आराम मिलेगा.
3. नहाते समय शरीर पर नमक रगड़ने से भी जुकाम या नाक बहना बंद हो जाता है.
4. तुलसी के साथ शहद हर दो घंटे में खाएं. कफ से छुटकारा मिलेगा.

जब बाल झड़ रहे हों

1. नीम का पेस्ट सिर में कुछ देर लगाए रखें. फिर बाल धो लें. बाल झड़ना बंद हो जाएगा.
2. बेसन मिला दूध या दही के घोल से बालों को धोएं. फायदा होगा.
3. दस मिनट का कच्चे पपीता का पेस्ट सिर में लगाएं. बाल नहीं झड़ेंगे और डेंड्रफ (रूसी) भी नहीं होगी.

शरीर, सांस की दुर्गध में
शरीर और सांस की दुर्गध आम परेशानी है. कई बार तो हमें इसका भारी खामियाजा भुगतना पड़ जाता है.

1. नहाने से पहले शरीर पर बेसन और दही का पेस्ट लगाएं. इससे त्वचा साफ हो जाती है और बंद रोम छिद्र भी खुल जाते हैं.
2. गाजर का जूस रोज पिएं. तन की दुर्गध दूर भगाने में यह कारगर है.
3. पान के पत्ते और आंवला को बराबर मात्रा में पीसे. नहाने के पहले इसका पेस्ट लगाएं. फायदा होगा.
4. सांस की बदबू दूर करने के लिए रोज तुलसी के पत्ते चबाएं.
5. इलाइची और लौंग चूसने से भी सांस की बदबू से निजात मिलता है.

उच्च रक्त चाप होने पर

1. कुछ दिनों तक लगातार आधा चम्मच मैथी दाना का पॉउड़र पानी के साथ लेने से उच्च रक्त चाप में लाभ होता है.
2. तुलसी के पाँच पत्ते और नीम के दो पत्ते कुछ दिनों तक लेने से उच्च रक्त चाप मे लाभ होता है.
3. तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी पीने से उच्चरक्त चाप में लाभ होता है.
4. दो कली लहसुन की खाली पेट लेने से उच्च रक्त चाप में फायदा होता है.
5. लौकी का एक कप रस सुबह खाली पेट लेने से उच्च रक्त चाप कम होने में फायदा करता है.
6. प्रतिदिन एक चम्मच तुलसी के पत्तों का रस लेना सभी रोगों में लाभकारी होता है.

पैर में मोच आने पर

1. आक या पान का पत्ता या आम का पत्ते को चिकना कर नमक लगा कर उस स्थान पर बांधने से काफी लाभ होता है.
2. चोट लगने पर नमक में काले तिल, सूखा नारियल और हल्दी मिला कर पीस कर गरम कर चोट वाले स्थान पर बांधने से आराम मिलता है.

घुटनों में दर्द होने पर

1. सुबह खाली पेट तीन-चार अखरोट की गिरियां निकाल कर कुछ दिनों तक खाना चाहिए. इसके नियंत्रित सेवन से घुटनों के दर्द में आराम मिलता है.
2. नारियल की गिरी खाने से घुटनों के दर्द में राहत मिलती है.

अस्थमा या दमा में

1. तुलसी के पत्तों को अच्छी तरह से साफ कर उनमें पिसी काली मिर्च डालकर खाने के साथ देने से दमा नियंत्रण में रहता है.
2. गर्म पानी में अजवाइन डालकर स्टीम लेने से भी दमे को नियंत्रि‍त करने में राहत मिलती है.

किडनी में पथरी होने पर

तीन हल्की कच्ची भिंड़ी को पतली-पतली लम्बी-लम्बी काट लें. कांच के बर्तन में दो लीटर पानी में कटी हुई भिंड़ी ड़ाल कर रात भर के लिए रख दें. सुबह भिंड़ी को उसी पानी में निचोड़ कर भिंड़ी को निकाल लें. ये सारा पानी दो घंटों के अन्दर-अन्दर पी लें. इससे किड़नी की पथरी से छुटकारा मिलता है.

पेट में वायु की अधिकता

1. ऐसी समस्या से छुटकारा पाने के लिए भोजन के बाद 3-4 मोटी इलायची के दाने चबा कर ऊपर से नींबू पानी पीने से पेट हल्का होता है.
2. सुबह-शाम 1/4 चम्मच त्रिफला का चूर्ण गर्म पानी के साथ लेने से पेट नर्म होता है.
3. अजवायन और काला नमक को समान मात्रा में मिला कर गर्म पानी से पीने से पेट का अफारा ठीक होता है.

दस्त होने पर

1. खाना खाने के बाद एक कप लस्सी में एक चुटकी भुना ज़ीरा और काला नमक ड़ाल कर पीएं. दस्त में आराम आयेगा.
2. अदरक का रस नाभि के आस-पास लगाने से दस्त में आराम मिलता है.
3. मिश्री और अमरूद खाने से भी आराम मिलता है.
4. कच्चा पपीता उबाल कर खाने से दस्त में आराम मिलता है.

बार-बार मूत्र आने पर

1. सुबह-शाम एक-एक गुड़ और तिल से बना लड्ड़ु खाना चाहिए.
2. शाम के समय काले भुने हुए चने छिल्का सहित खाएं और एक छोटा सा टुकड़ा गुड़ का खाकर पानी पी लें.

उल्टी होने पर

1. तुलसी के रस में बराबर की मात्रा में शहद मिला कर चाटने से उल्टी बन्द हो जाती है.
2. 2 चम्मच शहद में बराबर मात्रा में प्याज़ का रस मिला कर चाटने से उल्टी बन्द हो जाती है.
3. दिन में 5-6 बार एक-एक चम्मच पुदीने का रस पीने से उल्टी बन्द हो जाती है.

बच्चों को सर्दी या बुखार होने पर

1. दो-तीन तुलसी के पत्ते और छोटा सा टुकड़ा अदरक को सिलबट्टे पर पीस कर मलमल के कपड़े की सहायता से रस निकाल कर 1 चम्मच शहद मिला कर दिन में 2-3 बार देने से सर्दी में आराम मिलता है.
2. लौंग को पानी की बूंदों की सहायता से रगड़ कर उसका पेस्ट माथे पर और नाभि पर लगाना चाहिए.
3. एक कप पानी में चार-पाँच तुलसी के पत्ते और एक टुकड़ा अदरक ड़ाल कर उबाल लें पानी की आधी मात्रा रह जाने पर उसमें एक चम्मच गुड़ ड़ाल कर उबाल लें. दिन में दो बार दें. आराम होगा.

नाभि के अपने स्थान से खिसक जाने पर

1. मरीज़ को सीधा लिटाकर उसकी नाभि के चारों ओर सूखे आंवले का आटा बना कर उसमें अदरक का रस मिलाकर बांध दें और दो घंटों के लिए सीधा ही लेटे रहने दें. दो बार ऐसा करने से नाभि अपने स्थान पर आ जायेगी. दर्द और दस्त जैसे कष्ट भी दूर होंगे.
2. ऐसे समय में मरीज़ को मुंग की दाल वाली खिचड़ी खाने में देनी चाहिए.
3. अदरक और हींग का सेवन भी फायदा करता है.



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हेल्थ टिप्स

हेल्थ टिप्स

1. अपनी दवा ठंडे पानी से मत लें.
2. पांच बजे शाम के बाद भारी खाना न खाएं.
3. सुबह में रात की अपेक्षा ज्यादा पानी पियें.
4. सोने का सबसे बेहतर समय 10 बजे रात से 4 बजे सुबह होता है.
5. खाना खाने के तुरंत बाद न ही सोयें या न ही लेटे.
6. फ़ोन कॉल बाईं कान से सुनें.
7. जब मोबाइल फ़ोन बिलकुल डिस्चार्ज हो रहा हो तो उस समय फ़ोन न सुने क्योंकि उस समय रेडिएशन 1000 गुना ज्यादा होता है.
8. चार्ज में लगे फ़ोन से फ़ोन न ही करें, न ही रिसीव करें. उस समय रेडिएशन ज्यादा निकलता है.

स्वस्थ जीवन के लिए कुछ उपयोगी बातें

परिचय-
किसी भी व्यक्ति को अगर किसी भी कार्य में सफलता पानी है तो इसके लिए सबसे पहले उसके शरीर का स्वस्थ होना बहुत ही आवश्यक है क्योंकि जब तक स्वास्थ्य अच्छा नहीं होगा तब तक सफलता प्राप्त नहीं की जा सकती है। जिस मनुष्य का स्वास्थ्य अच्छा होता है उस मनुष्य का मस्तिष्क, सोचने-समझने की क्षमता तथा कार्य के प्रति निष्ठा सही होती है और तभी वह मनुष्य किसी भी कार्य को करने में सफलता प्राप्त कर पाता है। इसलिए स्वस्थ जीवन ही सफलता प्राप्त करने की कुंजी है।

स्वस्थ जीवन के लिए कुछ उपयोगी बातें इस प्रकार हैं-

पानी :-

सभी व्यक्तियों को स्वस्थ रहने के लिए प्रतिदिन सुबह के समय में बिस्तर से उठकर कुछ समय के लिए पालथी मारकर बैठना चाहिए और कम से कम 1 से 3 गिलास गुनगुना पानी पीना चाहिए या फिर ठंडा पानी पीना चाहिए।
स्वस्थ रहने के लिए प्रत्येक व्यक्तियों को प्रतिदिन कम से कम 10 से 12 गिलास पानी पीना चाहिए।
महत्वपूर्ण क्रिया :-

सभी व्यक्तियों को स्वस्थ रहने के लिए प्रतिदिन दिन में 2 बार मल त्याग करना चाहिए।
सांसे लंबी-लंबी और गहरी लेनी चाहिए तथा चलते या बैठते और खड़े रहते समय अपनी कमर को सीधा रखना चाहिए।
दिन में समय में कम से कम 2 बार ठंडे पानी से स्नान करना चाहिए।
दिन में कम से कम 2 बार भगवान का स्मरण तथा ध्यान करें, एक बार सूर्य उदय होने से पहले तथा एक बार रात को सोते समय।
विश्राम :-

सभी मनुष्यों को भोजन करने के बाद मूत्र-त्याग जरूर करना चाहिए।
प्रतिदिन दिन में कम से कम 1-2 बार 5 से 15 मिनट तक वज्रासन की मुद्रा करने से स्वास्थ्य सही रहता है।
सोने के लिए सख्त या मध्यम स्तर के बिस्तर का उपयोग करना चाहिए तथा सिर के नीचे पतला तकिया लेकर सोना चाहिए।
सोते समय सारी चिंताओं को भूल जाना चाहिए तथा गहरी नींद में सोना चाहिए और शरीर को ढीला छोड़कर सोना चाहिए।
पीठ के बल या दाहिनी ओर करवट लेकर सोना चाहिए।
सभी मनुष्यों को भोजन और सोने के समय में कम से कम 3 घण्टे का अन्तर रखना चाहिए।
व्यायाम :-

सभी व्यक्तियों को स्वस्थ रहने के लिए प्रतिदिन सुबह के समय में आधे घण्टे तक व्यायाम करना चाहिए तथा सैर या जॉगिंग करनी चाहिए।
सभी व्यक्तियों को आसन, सूर्य-नमस्कार, बागवानी, तैराकी, व्यायाम तथा खेल आदि क्रियाएं करनी चाहिए, जिनके फलस्वरूप स्वास्थ्य हमेशा अच्छा रहता है।
भोजन करने के बाद कम से कम 20 मिनट तक टहलना चाहिए जिसके फलस्वरूप स्वास्थ्य सही रहता है।
भोजन :-

कभी भी भूख से ज्यादा भोजन नहीं करना चाहिए तथा जितना आवश्यक हो उतना ही भोजन करना चाहिए।
भोजन को अच्छी तरह से चबाकर तथा धीरे-धीरे और शांतिपूर्वक खाना चाहिए।
दिन में केवल 2 बार ही भोजन करना चाहिए।
सुबह के समय में कम से कम 8-10 बजे के बीच में भोजन करना चाहिए तथा शाम के समय में 5-7 बजे के बीच में भोजन कर लेना चाहिए। ऐसा करने से स्वास्थ्य हमेशा सही रहता है।
भोजन में बीज या खाद्यान्न उपयोग करने से पहले उसे रात भर पानी में भिगोकर रखना चाहिए। इसके बाद अगले दिन उनका उपयोग भोजन में करना चाहिए।
भोजन के एक भाग में अनाज तथा दूसरे भाग में सब्जियां होनी चाहिए।
ज्यादा पके हुए तथा ज्यादा कच्चे अन्न पदार्थों का भोजन नहीं करना चाहिए।
भोजन में वसायुक्त शुद्ध तेलों का ही इस्तेमाल करना चाहिए, जैसे- तिल का तेल या सूरजमुखी का तेल आदि।
भोजन में कच्चे पदार्थों का अधिक सेवन करना चाहिए जैसे- अंकुरित चीजें, ताजी और पत्तेदार हरी सब्जियां, सलाद, फलों का रस, नींबू तथा शहद मिला हुआ पानी, मौसम के अनुसार फल आदि।
दूध की जगह छाछ या दही का अधिक उपयोग करना चाहिए।
पका हुआ भोजन करने के लिए चोकर सहित आटे की रोटी, दलिए तथा बिना पॉलिश किए हुए चावल का उपयोग करना चाहिए।
सप्ताह में कम से कम 1 बार फलों का रस पीकर उपवास रखना चाहिए।
स्वस्थ रहने के लिए जैसे ही बीमार पड़े तुरंत ही प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार करना चाहिए।
कम उपयोग करने वाली चीजें :-

मिर्च-मसाले, दालें, घी, आइसक्रीम, क्रीम, नमक, मिठाईयां, गिरीदार चीजें तथा पकाई हुई चीजों का भोजन में बहुत ही कम उपयोग करना चाहिए।
अधिक वजन उठाने का कार्य नहीं करना चाहिए।
बहुत ज्यादा कठिन व्यायाम नहीं करना चाहिए।
ऊंची एड़ी के जूते नहीं पहनने चाहिए।
टी.वी. तथा फिल्में आदि ज्यादा नहीं देखनी चाहिए।
इन पदार्थों के सेवन से बचें :-

चाय, कॉफी, शराब, नशीली दवाईयां, धूम्रपान, सॉफ्ट ड्रिंक, तम्बाकू, पान, जर्दा तथा अन्य दूषित पदार्थ जिनसे शरीर को हानि होती हो, का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इन पदार्थों से शरीर का स्वास्थ्य केवल बेकार होता है सही कभी भी नहीं होता है।
चीनी, मैदा तथा पॉलिश किये हुए चावल का उपयोग नहीं करना चाहिए।
दूषित भोजन का सेवन न करें क्योंकि इसके सेवन से कई प्रकार के रोग हो सकते हैं और शरीर का स्वास्थ्य गिर सकता है।
रंगदार भोजन, फ्लेवर्ड, सिन्थेटिक, कृत्रिम खाद्य पदार्थ, डिब्बाबंद, ड्राइड तथा मिलावटी चीजों का सेवन न करें।
रिफाइंड तेलों का कम उपयोग करना चाहिए।
गैर-प्राकृतिक भोजन तथा पेय पदार्थों का उपयोग कम से कम करना चाहिए।
भूख न होने पर भोजन नहीं करना चाहिए।
ज्यादा चिंता नहीं करना चाहिए तथा किसी से नहीं डरना चाहिए।
ज्यादा गर्म तथा ज्यादा ठंडी चीजों का भोजन में इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
वायु, जल तथा शोर वाले प्रदूषणों से बचना चाहिए।
हानिकारक प्रसाधन सामग्री व वस्त्र, औषधियुक्त साबुन व क्रीम का उपयोग नहीं करना चाहिए।
भोजन करने के समय में बीच-बीच में पानी नहीं पीना चाहिए।
भोजन करने के कम से कम 1 घण्टे के बाद ही पानी पीना चाहिए।
रात के समय में देर से भोजन नहीं करना चाहिए।
भारी तथा ठोस भोजन नहीं करना चाहिए।
रात के समय में देर से नहीं सोना चाहिए।
अभ्यास :-

अपनी आंखों को स्वस्थ बनाये रखने के लिए प्रतिदिन सुबह तथा शाम के समय में त्रिफला के पानी से आंखों को धोना चाहिए।
दिन में 1 बार नमक मिले गुनगुने पानी से गरारे करने चाहिए, इसके फलस्वरूप स्वास्थ्य सही बना रहता है।
यदि कब्ज की शिकायत हो तो कुछ दिनों तक लगातार गुनगुने पानी से एनिमा क्रिया करनी चाहिए और पेट को साफ करना चाहिए।
स्वस्थ रहने के लिए सप्ताह में कम से कम 1 बार वमन धौति क्रिया (कुंजल या वमन) करनी चाहिए।
सप्ताह में कम से कम 1 बार शरीर की मालिश करनी चाहिए तथा धूप-स्नान करना चाहिए, जिसके फलस्वरूप शरीर का स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है।
प्रतिदिन सुबह के समय में अपने तालू पर अच्छी तरह मालिश करनी चाहिए।
हर समय खुश रहने की कोशिश करनी चाहिए तथा सभी व्यक्तियों से हंसना-बोलना चाहिए।
प्रतिदिन 2 बार माथे या आंखों पर पानी के छींटे मारने चाहिए तथा मुंह पर पानी मारना चाहिए जिसके फलस्वरूप स्वास्थ्य सही रहता है।
कुछ सावधानियां :-

फलों और सब्जियों को खाने से पहले अच्छी तरह से धो लेना चाहिए तथा जो फल छीलकर खाने वाले हो उसे छीलकर ही खाने चाहिए।
किसी भी सब्जी तथा फलों को काटने से पहले अच्छी तरह से धो लेना चाहिए क्योंकि इन पर कीटनाशी तथा अन्य दूषित तत्व जमे होते हैं।
टी.वी. तथा पिक्चर आदि देखने के लिए उचित दूरी पर बैठकर देखें क्योंकि इससे आंखे खराब हो सकती हैं।
याद रखने लायक कुछ बातें :-

औषधियां बीमारियों से ज्यादा खतरनाक होती हैं इसलिए औषधियों का उपयोग ज्यादा नहीं करना चाहिए।
स्वस्थ रहने के लिए पर्याप्त जगह, शुद्ध वायु, शुद्ध जल, धूप, व्यायाम तथा शारीरिक क्रिया करना बहुत ही आवश्यक हैं तथा इसके बाद उचित भोजन का करना आवश्यक है।
भोजन, नींद, व्यायाम तथा विश्राम सम्बंधी नियमों का पालन करना चाहिए तभी स्वास्थ्य ठीक प्रकार से बना रह सकता है।
किसी भी बीमार व्यक्ति के लिए जल औषधि तथा आहार दवा के सामान होता है अत: किसी भी बीमारी को ठीक करने के लिए इनका उपयोग अधिक करना चाहिए।
किसी भी बीमारी को ठीक करने के लिए उपवास चिकित्सा का महत्वपूर्ण अंग है इसके द्वारा कई प्रकार के रोग ठीक हो जाते हैं।
किसी भी व्यक्ति को कोई भी कार्य करने के लिए जल्दबाजी नहीं करना चाहिए।
स्वस्थ रहने के लिए चिंता-फिक्र का त्याग कर देना चाहिए।
तेज मसालेदार तथा चिकनाईयुक्त सब्जियां व्यक्ति को बीमार कर देती हैं इसलिए इन चीजों का बहुत ही कम उपयोग करना चाहिए।
अच्छा स्वास्थ्य बनाये रखने के लिए कुछ आवश्यक बातों पर नजर :-

सभी प्रकार के रोगों को ठीक करने की शक्ति शरीर में ही मौजूद होती है।
थकान, बीमारी, दर्द होने पर तथा तनाव की स्थिति या फिर जल्दबाजी में भोजन नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ता है।
किसी भी रोग को ठीक करने के लिए प्राकृतिक चिकित्सा का सहारा लेना चाहिए, क्योंकि यह चिकित्सा सर्वाधिक सुरक्षित और स्थायी होती है।
भोजन करने से आधा घण्टा पहले पानी पीना चाहिए तथा भोजन करने के कम से कम 1 घण्टे के बाद ही पानी पीना चाहिए। भोजन करने के समय में कभी भी पानी नहीं पीना चाहिए।
रोग की अवस्था में उचित भोजन का ही उपयोग करना चाहिए तथा कभी भी ऐसा भोजन नहीं करना चाहिए जिससे बीमारी का प्रकोप और बढ़ जाए।
अच्छा स्वास्थ्य संतुलित भोजन और जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण पर ही निर्भर करता है अत: भोजन उतना ही करना चाहिए जितना आवश्यक हो।
नशीली चीजें, तम्बाकू, शराब तथा अन्य विषैले पदार्थों का उपयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि इन चीजों से स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ता है।
स्वस्थ रहने के लिए प्रतिदिन दिन में 10 से 12 गिलास पानी पीना चाहिए।
रात के भोजन और सोने के बीच में कम से कम 3 घण्टे का अन्तर रखना चाहिए इससे स्वास्थ्य सही रहता है।
धन से दवाई खरीदी जा सकती है स्वास्थ्य नहीं यह ध्यान रखना चाहिए।
चाय, कॉफी का ज्यादा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि इन चीजों से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।
अनुशासित जीवन आपको दीर्घजीवी और खुशहाल बनाता है अत: अपने जीवन में अनुशासित रूप अपनाना चाहिए।
परिवर्तन संसार का नियम है इसलिए इसके साथ-साथ छेड़-छाड़ नहीं करनी चाहिए।
शरीर, मस्तिष्क व आत्मा को शुद्ध रखने के लिए योग सबसे आसन तरीका है। इसलिए अपने जीवन में योग का अच्छी तरह से इस्तेमाल करना चाहिए।
किसी भी रोग को ठीक करने के लिए प्राकृतिक चिकित्सा और योग एक ही गाड़ी के 2 पहिए हैं।
रोग को ठीक करने के लिए प्राकृतिक चिकित्सा पर विश्वास करना बहुत ही आवश्यक है। इसके फलस्वरूप रोग जल्द ही ठीक हो जाता है।