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सोमवार, 23 फ़रवरी 2015

मिलिट्री Story : एक सच्चा दोस्त : World War 1 में उस समय एक सैनिक के चेहरे पर दहशत छा गयी, जब उसने अपने सबसे अच्छे दोस्त को युद्ध में गिरते हुए देखा. वो अपनी सेना के द्वारा बनायीं गयी सुरक्षा स्थल पर, खुदे हुए गड्ढो में डटा हुआ था. उसने अपने lieutenant से पूछा, की क्या वह अपने दोस्त को बचाने के लिए जा सकता है. “अगर तुम चाहते हो, तो जा सकते हो.” lieutenant ने कहा, “पर मुझे नहीं लगता तुम्हारा वहाँ जाना ठीक है. तुम्हारा दोस्त शायद अबतक मर चुका होगा. और तुम अपनी जिंदगी भी गवा सकते हो.” सैनिक ने उसकी बातो को अनसुना किया. और किसी भी प्रकार के कवच के बगैर, किसी चमत्कारिक ढंग से जा पहुंचा. गोलियों की बरसात के बिच में से वो किसी तरह अपने दोस्त को ले तो आया. पर खुद भी थोडा घायल हो गया. जब वो अपनी सेना के पास पहुंचा तो उसके ऑफिसर ने उसके दोस्त की जाँच करते हुए कहा, “मैंने कहा था न, इससे कुछ फ़ायदा नहीं होगा. कोई फर्क नहीं पड़ेगा. तुम्हारा दोस्त मर चुका है.” “मैं जानता हूँ, फिर भी इससे बहुत फर्क पड़ा है सर”, उस सैनिक ने कहा. “क्या मतलब तुम्हारा? फर्क पड़ा है?” ऑफिसर ने कहा “तुम्हारा दोस्त तो मर

सबसे बड़ा हथियार:~

बादशाह अकबर और बीरबल के बीच कभी-कभी ऐसी बातें भी हुआ करती थीं जिनकी परख करने में जान का खतरा रहता था। एक बार बादशाह अकबर ने बीरबल से पूछा- 'बीरबल, संसार में सबसे बड़ा हथियार कौन-सा है?'
'बादशाह सलामत! संसार में सबसे बड़ा हथियार है आत्मविश्वास।' बीरबल ने जवाब दिया।

बादशाह अकबर ने बीरबल की इस बात को सुनकर अपने दिल में रख लिया और किसी समय इसकी परख करने का निश्चय किया।
दैवयोग से एक दिन एक हाथी पागल हो गया। ऐसे में हाथी को जंजीरों में जकड़ कर रखा जाता था।

बादशाह अकबर ने बीरबल के आत्मविश्वास की परख करने के लिए उधर तो बीरबल को बुलवा भेजा और इधर हाथी के महावत को हुक्म दिया कि जैसे ही बीरबल को आता देखे, वैसे ही हाथी की जंजीर खोल दे।

बीरबल को इस बात का पता नहीं था। जब वे बादशाह अकबर से मिलने उनके दरबार की ओर जा रहे थे, तो पागल हाथी को छोड़ा जा चुका था। बीरबल अपनी ही मस्ती में चले जा रहे थे कि उनकी नजर पागल हाथी पर पड़ी, जो चिंघाड़ता हुआ उनकी तरफ आ रहा था।

बीरबल हाजिर जवाब, बेहद बुद्धिमान, चतुर और आत्मविश्वासी थे। वे समझ गए कि बादशाह अकबर ने आत्मविश्वास और बुद्धि की परीक्षा के लिए ही पागल हाथी को छुड़वाया है।

दौड़ता हुआ हाथी सूंड को उठाए तेजी से बीरबल की ओर चला आ रहा था। बीरबल ऐसे स्थान पर खड़े थे कि वह इधर-उधर भागकर भी नहीं बच सकते थे। ठीक उसी वक्त बीरबल को एक कुत्ता दिखाई दिया। हाथी बहुत निकट आ गया था। इतना करीब कि वह बीरबल को अपनी सूंड में लपेट लेता।

तभी बीरबल ने झटपट कुत्ते की पिछली दोनों टांगें पकड़ीं और पूरी ताकत से घुमाकर हाथी पर फेंका। बुरा तरह घबराकर चीखता हुआ कुत्ता जब हाथी से जाकर टकराया तो उसकी भयानक चीखें सुनकर हाथी भी घबरा गया और पलटकर भागा।

बादशाह अकबर को बीरबल की इस बात की खबर मिल गई और उन्हें यह मानना पड़ा कि बीरबल ने जो कुछ कहा है, वह सच है। आत्मविश्वास ही सबसे बड़ा हथियार है।

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