भूत-प्रेत, पिशाच, आत्माएं इंसानी दुनिया से अलग-थलग संसार बसाकर ऐसी ही कुछ पारलौकिक ताकतें बिना किसी परेशानी के विचरण करती हैं. जिस तरह जीवित लोगों की दुनिया में इनका प्रवेश वर्जित माना जाता है उसी प्रकार अगर आप और हम किसी भी तरह से उनकी अंधेरों से घिरी दुनिया में कदम रखने की कोशिश करते हैं तो उन्हें यह बात बिल्कुल सहन नहीं होती और वह हमारे इस दुस्साहस का बदला लेने के लिए अपनी सीमाएं तोड़कर इंसानी दुनिया में दखल देने लगते
हजारों वर्षों पहले लगे एक तांत्रिक के श्राप से आज भी भानगढ़ का किला जूझ रहा है. पुरातत्व वैज्ञानिकों और राज्य सरकार द्वारा वहां लिखित तौर पर यह चेतावनी दी गई है कि सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के बाद कोई भी व्यक्ति वहां ना तो ठहरेगा और ना ही जाएगा. वहां कुछ तो जरूर होगा.
अब हम आपको भारत के ऐसे दूसरे स्थान के बारे में बताने जा रहे हैं जहां ऐसी ही कुछ भटकती रूहों ने अपना आशियाना बना लिया है. गुजरात की चर्चित दुमास बीच ऐसी ही एक जगह है जहां हर समय मरे हुए लोग विचरण करते हैं.
हिंदू धर्म में मरने के बाद मृत शरीर का दाह संस्कार किए जाने के बाद ही उसे मुक्ति या मोक्ष की प्राप्ति होती है. अगर किसी भी वजह से उस शरीर का पूरे विधि-विधान के साथ संस्कार ना किया जाए तो शरीर को छोड़ने के बाद भी आत्मा को दुनिया से मुक्ति नहीं मिलती और वह भटकती रहती है.
सूरत (गुजरात) के इसी दुमास बीच पर हिंदुओं का दाह संस्कार कर उन्हें इस दुनिया से दूर भेजने की कोशिश की जाती है लेकिन कुछ ऐसी भी आत्माएं होती हैं जो मोह और अत्याधिक लगाव की वजह से इस दुनिया को छोड़कर जा नहीं पातीं. शरीर जलने के बाद भी वह अपने गंतव्य स्थान पर नहीं पहुंच
दुमास बीच पर ऐसी आत्माएं अपना डेरा जमाए रहती हैं. वहां जितने भी लोग आज तक गए हैं सभी का यही कहना है कि वहां कुछ बहुत अजीब है. ऐसा कुछ जो दिखाई नहीं देता सिर्फ महसूस किया जा सकता है.
दुमास बीच पर जाने के बाद आपको घुटन होने लगती है. हर समय यह महसूस होता है कि कोई आपके आसपास है आपके साथ चल रहा है. बहुत से पर्यटकों का तो यह भी कहना है कि वह जब यहां गए तो किसी ने उनके कान में आगे ना जाने की बात कही. उन्हें चेतावनी दी गई कि वे आगे ना जाएं और जहां से आए हैं वहां वापस चले जाएं.
स्थानीय लोगों के अनुसार रात के समय इस बीच पर जाना पूरी तरहनिषेध है. जितने भी लोग रात के समय यहां गए हैं उनमें से कोई भी वापस नहीं आ पाया है.
FROM SAFALTA KI RAAH
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