Translate

मंगलवार, 3 मार्च 2015

क्या है इस रंग बदलते शिवलिंग का राज जो भक्तों की हर मनोकामना पूरी करता है?


चमत्कारों से भरी इस दुनिया में कब क्या हो जाए कुछ पता नहीं. हालांकि आज विज्ञान ऐसे बहुत से चमत्कारों का जवाब दे चुका है लेकिन कई सवाल ऐसे भी हैं जिनका जवाब विज्ञान की कसौटी पर भी खरा नहीं उतर पा रहा है. ऐसा ही एक सवाल है धौलपुर का शिवलिंग.

राजस्थान के धौलपुर जिले में स्थित यह शिवलिंग दिन में तीन बार अपना रंग बदलता है लेकिन ऐसा क्यों होता है इसका जवाब ना तो किसी वैज्ञानिक के पास है और ना ही ही कोई अन्य अभी तक इस रहस्य से पर्दा उठा पाया है.
धौलपुर का ये इलाका चंबल के बीहड़ों के लिए तो प्रसिद्ध है ही सही लेकिन साथ में रंग बदलने वाले इस शिवलिंग, जिसका रंग दिन में लाल, दोपहर को केसरिया और रात को सांवला हो जाता है, के विषय में व्याप्त कहानियां बहुत से लोगों को यहां आने के लिए प्रेरित करती हैं.

भगवान अचलेश्वर महादेव के इस मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है. यहां आने का रास्ता बेहद पथरीला और टेढ़ा है लेकिन इस मंदिर की मान्यता भक्तों को यहां खींचकर ले जाती है.
इस शिवलिंग के विषय में ऐसा माना जाता है कि जो भी कुंवारा युवक या कुंवारी युवति यहां शादी की मन्नत मांगने आते हैं तो बहुत ही जल्दी उनकी ये मुराद पूरी हो जाती है.
इस शिवलिंग एक अनोखी खासियत यह भी है कि इसके उद्भव के स्थान या कहें इसके छोर तक कोई नहीं पहुंच पाया है. ऐसा कहा जाता है कि काफी समय पहले शिव भक्तों ने शिवलिंग के पास खुदाई कर इसके छोर तक पहुंचने का प्रयास किया लेकिन  उनका यह प्रयास पूरी तरह विफल रहा.
आज भी यह एक रहस्य ही है कि इस शिवलिंग का उद्भव कैसे हुआ और कैसे ये अपना रंग बदलता है.

FROM SAFALTA KI RAAH

कोई टिप्पणी नहीं: