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शुक्रवार, 13 मार्च 2015

बालकाण्ड  बालकाण्ड में प्रभु राम के जन्म से लेकर राम-विवाह तक के घटनाक्रम आते हैं। I


बालकाण्ड  


बालकाण्ड में प्रभु राम के जन्म से लेकर राम-विवाह तक के घटनाक्रम आते हैं। 

• मंगलाचरण

• गुरु वंदना

• ब्राह्मण-संत वंदना

• खल वंदना

• संत-असंत वंदना

• रामरूप से जीवमात्र की वंदना

• तुलसीदासजी की दीनता और राम भक्तिमयी कविता की महिमा

• कवि वंदना

• वाल्मीकि, वेद, ब्रह्मा, देवता, शिव, पार्वती आदि की वंदना

• श्री सीताराम-धाम-परिकर वंदना

• श्री नाम वंदना और नाम महिमा

• श्री रामगुण और श्री रामचरित्‌ की महिमा

• मानस निर्माण की तिथि

• मानस का रूपक और माहात्म्य

• याज्ञवल्क्य-भरद्वाज संवाद तथा प्रयाग माहात्म्य

• सती का भ्रम, श्री रामजी का ऐश्वर्य और सती का खेद

• शिवजी द्वारा सती का त्याग, शिवजी की समाधि

• सती का दक्ष यज्ञ में जाना

• पति के अपमान से दुःखी होकर सती का योगाग्नि से जल जाना, दक्ष यज्ञ विध्वंस

• पार्वती का जन्म और तपस्या

• श्री रामजी का शिवजी से विवाह के लिए अनुरोध

• सप्तर्षियों की परीक्षा में पार्वतीजी का महत्व

• कामदेव का देवकार्य के लिए जाना और भस्म होना

• रति को वरदान

• देवताओं का शिवजी से ब्याह के लिए प्रार्थना करना, सप्तर्षियों का पार्वती के पास जाना

• शिवजी की विचित्र बारात और विवाह की तैयारी

• शिवजी का विवाह

• शिव-पार्वती संवाद

• अवतार के हेतु

• नारद का अभिमान और माया का प्रभाव

• विश्वमोहिनी का स्वयंवर, शिवगणों को तथा भगवान्‌ को शाप और नारद का मोहभंग

• मनु-शतरूपा तप एवं वरदान

• प्रतापभानु की कथा

• रावणादिका जन्म, तपस्या और उनका ऐश्वर्य तथा अत्याचार

• पृथ्वी और देवतादि की करुण पुकार

• भगवान्‌ का वरदान

• राजा दशरथ का पुत्रेष्टि यज्ञ, रानियों का गर्भवती होना

• श्री भगवान्‌ का प्राकट्य और बाललीला का आनंद

• विश्वामित्र का राजा दशरथ से राम-लक्ष्मण को माँगना, ताड़का वध

• विश्वामित्र-यज्ञ की रक्षा

• अहल्या उद्धार

• श्री राम-लक्ष्मण सहित विश्वामित्र का जनकपुर में प्रवेश

• श्री राम-लक्ष्मण को देखकर जनकजी की प्रेम मुग्धता

• श्री राम-लक्ष्मण का जनकपुर निरीक्षण

• पुष्पवाटिका-निरीक्षण, सीताजी का प्रथम दर्शन, श्री सीता-रामजी का परस्पर दर्शन

• श्री सीताजी का पार्वती पूजन एवं वरदान प्राप्ति तथा राम-लक्ष्मण संवाद

• श्री राम-लक्ष्मण सहित विश्वामित्र का यज्ञशाला में प्रवेश

• श्री सीताजी का यज्ञशाला में प्रवेश

• बंदीजनों द्वारा जनकप्रतिज्ञा की घोषणा, राजाओं से धनुष न उठना, जनक की निराशाजनक वाणी

• श्री लक्ष्मणजी का क्रोध

• धनुषभंग

• जयमाला पहनाना, परशुराम का आगमन व क्रोध

• श्री राम-लक्ष्मण और परशुराम-संवाद

• दशरथजी के पास जनकजी का दूत भेजना, अयोध्या से बारात का प्रस्थान

• बारात का जनकपुर में आना और स्वागतादि

• श्री सीता-राम विवाह, विदाई

• बारात का अयोध्या लौटना और अयोध्या में आनंद

• श्री रामचरित्‌ सुनने-गाने की महिमा

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