गुलाब की लकड़ी : गुलाब की लकड़ी की गणेश, हनुमान या श्रीकृष्ण-राधा की सुंदर और छोटी-सी मूर्ति। ध्यान रहें कि मूर्ति सिर्फ एक ही हो। मूर्ति पूजा के लिए नहीं, यह घर की शोभा बढ़ाने के लिए हो।
कदंब की लकड़ी : अन्य सजावटी वस्तुएं, जो भी आप रखना चाहते हैं वह कदंब की लकड़ी की हो। जैसे हाथी, हंस, बुद्ध की मूर्ति, ऊपर लटकाने के लिए डलिया, टोकरी, घोड़ा, पानदान, गुलदस्ता आदि। उल्लेखनीय है कि यदि ठोस चांदी का हाथी बनाएं तो लकड़ी का न रखें।
शीशम : बबूल, स्टील, प्लायवुड के सोफा सेट और पलंग से बेहतर शीशम की लकड़ी का सोफा और पलंग होता है। डाइनिंग सेट, साइन बोर्ड, कोनर्स, तिजोरियां, बक्से, अलमारियों से लेकर छोटे डिब्बे, ट्रे, पेन स्टैंड आदि सभी शीशम के होना चाहिए। सभी में सुंदर नक्काशी होना चाहिए।
चंदन की लकड़ी : पूजा के लिए सिर्फ एक बट्टी या टुकड़ा। प्रतिदिन चंदन घिसते रहने से घर में सुगंध का वातावरण निर्मित होता है। सिर पर चंदन का तिलक लगाने से शांति मिलती है। जिस स्थान पर प्रतिदिन चंदन घीसा जाता है और गरूड़ घंटी की ध्वनि सुनाई देती है, वहां का वातावरण हमेशा शुद्ध और पवित्र बना रहता है।
कदंब की लकड़ी : अन्य सजावटी वस्तुएं, जो भी आप रखना चाहते हैं वह कदंब की लकड़ी की हो। जैसे हाथी, हंस, बुद्ध की मूर्ति, ऊपर लटकाने के लिए डलिया, टोकरी, घोड़ा, पानदान, गुलदस्ता आदि। उल्लेखनीय है कि यदि ठोस चांदी का हाथी बनाएं तो लकड़ी का न रखें।
शीशम : बबूल, स्टील, प्लायवुड के सोफा सेट और पलंग से बेहतर शीशम की लकड़ी का सोफा और पलंग होता है। डाइनिंग सेट, साइन बोर्ड, कोनर्स, तिजोरियां, बक्से, अलमारियों से लेकर छोटे डिब्बे, ट्रे, पेन स्टैंड आदि सभी शीशम के होना चाहिए। सभी में सुंदर नक्काशी होना चाहिए।
चंदन की लकड़ी : पूजा के लिए सिर्फ एक बट्टी या टुकड़ा। प्रतिदिन चंदन घिसते रहने से घर में सुगंध का वातावरण निर्मित होता है। सिर पर चंदन का तिलक लगाने से शांति मिलती है। जिस स्थान पर प्रतिदिन चंदन घीसा जाता है और गरूड़ घंटी की ध्वनि सुनाई देती है, वहां का वातावरण हमेशा शुद्ध और पवित्र बना रहता है।
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