शंघाई
चीन के गिरते शेयर मार्केट को संभालने की सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद मंगलवार को भी गिरावट जारी रही। सोमवार को ही शेयर मार्केट में पिछले आठ साल की रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई थी।
हालिया गिरावट चीन सरकार के बेजोड़ कोशिशों के बावजूद दर्ज की गई है जिसके तहत सरकार ने शेयर्स की कीमतों को बढ़ाने के प्रयास किए थे। इस गिरावट के बाद अब बाजार में आर्थिक सुधारों की मांग को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता पर सवाल खड़े होने लगे हैं।
शंघाई कंपोजिट इंडेक्स में 5 फीसदी की गिरावट के बाद मंगलवार को 62.56 अंकों के साथ 1.68 फीसदी की अतरिक्त गिरावट दर्ज की गई। वहीं चीन का दूसरा बड़ा स्टॉक एक्सचेंज शेनझेन कंपोजिट इंडेक्स 2.24 फीसदी यानी 48.39 अंक नीचे के स्तर पर बंद हुआ।
चीन के असंख्य छोटे निवेशक जो बड़ी संख्या में हैं, अब एक्सचेंज से बाहर आने की भी बात करने लगे हैं। ऐसे ही एक निवेशक लिंग ली हुई का कहते हैं 'मार्केट के गिरने के बाद मैंने अपने स्टॉक्स बेचने शुरू कर दिए थे और अब तक मैं अपने 90 फीसदी स्टॉक्स बेच चुका हूं।'
मंगलवार की गिरावट ने वैश्विक निवेशकों को भी चीनी अर्थव्यवस्था की हालत को लेकर सकते में डाल दिया है और अब उन्होंने सरकारी बॉन्ड्स और जापानी येन में निवेश की तरफ अपना रुख करना शुरू कर दिया है।
हालांकि चीन के कुछ बड़े इकनॉमिक प्लानर्स इस गिरावट को असामान्य करार दे रहे हैं और दूसरी छमाही में इसमें सुधार की गुंजाइश बता रहे हैं।
गौरतलब है कि हालिया गिरावट के चलते मार्केट पर सरकारी नियंत्रण की रणनीति को लेकर अब लोग सवाल खड़े करने लगे हैं।
चीन के गिरते शेयर मार्केट को संभालने की सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद मंगलवार को भी गिरावट जारी रही। सोमवार को ही शेयर मार्केट में पिछले आठ साल की रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई थी।
हालिया गिरावट चीन सरकार के बेजोड़ कोशिशों के बावजूद दर्ज की गई है जिसके तहत सरकार ने शेयर्स की कीमतों को बढ़ाने के प्रयास किए थे। इस गिरावट के बाद अब बाजार में आर्थिक सुधारों की मांग को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता पर सवाल खड़े होने लगे हैं।
शंघाई कंपोजिट इंडेक्स में 5 फीसदी की गिरावट के बाद मंगलवार को 62.56 अंकों के साथ 1.68 फीसदी की अतरिक्त गिरावट दर्ज की गई। वहीं चीन का दूसरा बड़ा स्टॉक एक्सचेंज शेनझेन कंपोजिट इंडेक्स 2.24 फीसदी यानी 48.39 अंक नीचे के स्तर पर बंद हुआ।
चीन के असंख्य छोटे निवेशक जो बड़ी संख्या में हैं, अब एक्सचेंज से बाहर आने की भी बात करने लगे हैं। ऐसे ही एक निवेशक लिंग ली हुई का कहते हैं 'मार्केट के गिरने के बाद मैंने अपने स्टॉक्स बेचने शुरू कर दिए थे और अब तक मैं अपने 90 फीसदी स्टॉक्स बेच चुका हूं।'
मंगलवार की गिरावट ने वैश्विक निवेशकों को भी चीनी अर्थव्यवस्था की हालत को लेकर सकते में डाल दिया है और अब उन्होंने सरकारी बॉन्ड्स और जापानी येन में निवेश की तरफ अपना रुख करना शुरू कर दिया है।
हालांकि चीन के कुछ बड़े इकनॉमिक प्लानर्स इस गिरावट को असामान्य करार दे रहे हैं और दूसरी छमाही में इसमें सुधार की गुंजाइश बता रहे हैं।
गौरतलब है कि हालिया गिरावट के चलते मार्केट पर सरकारी नियंत्रण की रणनीति को लेकर अब लोग सवाल खड़े करने लगे हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें