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मंगलवार, 12 जनवरी 2016

Healths

सिर में चोट लगने पर-

सिर में चोट लगने पर सबसे पहले डेटाल से साफ घाव को साथ करें।
इसके बाद घाव पर पट्टी करें जिससे खून का बहना रुक जाए और घाव में संक्रमण न हों।
फिर पीड़ित व्यक्ति को बिल्कुल सीधा लिटा दें।
इसके बाद पीड़ित व्यक्ति को तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं या फिर डॉक्टर को फोन करके बुला लें।
सांस लेने या बोलने में कठिनाई होने पर-

सबसे पहले पीड़ित के मुंह को आगे को करा के उसकी पीठ पर पांच बार थपकी दें। यह ध्यान रखें कि उसके मुंह में कुछ अटक तो नहीं रहा
इसके बाद पीड़ित को पीछे से सीधा पकड़कर 5 बार उसकी छाती पर थपकी दें।
फिर पीठ पर 5 बार थपकी देकर पीड़ित का मुंह देखें। अगर मुंह में कुछ अटका हो तो हटा दें।
अब चित्र के अनुसार उसके पेट पर 4-5 बार थपकी दें और जोर-जोर से हिलाएं।
इसके बाद बिना समय गंवाए पीड़ित को तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं।
बच्चे को सांस लेने में रूकावट होने पर-

सबसे पहले बच्चे की पीठ पर थपकी दें।
फिर बच्चे का मुंह और गला देखें।
फिर बच्चे की छाती पर थपकी दें।
इस प्रक्रिया को दुबारा दोहराएं।
इसके बाद तुरंत बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाएं।
दिल की धड़कन बंद होने पर छाती पर दबाव देना-

यदि केरोटिड धमनी सुनाई न पड़े, तुरंत कार्यवाही करना शुरु कर दें।
सबसे पहले पीड़ित को सीधा लिटाकर उसके हाथों को छाती पर रखें। (चित्र के अनुसार)
एक अपने एक हाथ के ऊपर दूसरा हाथ रखकर उंगलियों से कस लें।
छाती पर हाथों की उपरोक्त मुद्रा बनाकर पसलियों को गहरा-गहरा दबाएं। बीच-बीच में पीड़ित को मुंह से सांस भी दें।
मुंह से सांस देना-

सबसे पहले पीड़ित को बिल्कुल सीधा लिटाकर उसके मुंह की जांच करें। अगर उसके मुंह में कोई चीज अटकी हो तो उसे हाथ से निकाल दें।
फिर उसकी गर्दन को चित्र के अनुसार कर दें जिससे जीभ के कारण भी उसकी सांस न रूकें।
फिर पीड़ित की नाक को हाथ की अंगुलियों से बंद कर लें।
इसके बाद अपने मुंह में सांस भरकर रोगी के मुंह के अंदर जोर से फूंक मारे।
इस प्रक्रिया को दुबारा दोहराएं और पीड़ित की हालत पर नजर रखें।
दौरा पड़ने या मूर्छित हो जाने पर पीड़ित को लिटाने की सही स्थिति-

सबसे पहले पीड़ित की गर्दन और सिर को पीछे को कर दें जिससे उसे सांस लेने में किसी तरह की परेशानी न हो।
इसके बाद अपने बाएं हाथ को पीड़ित के नितंब के नीचे करें।
फिर चित्र के अनुसार अपने दाएं हाथ को पीड़ित के बाएं कान के नीचे रखकर सीधा घुटना मोड़कर रोगी को तिरछा कर दें।
अब पीड़ित को अपनी तरफ सावधानीपूर्वक मोड़ लें।
फिर चित्र के अनुसार पीड़ित के लेटने की मुद्रा स्थिर कर दें।
यह ध्यान रखें कि पीड़ित को सांस लेने में किसी तरह की परेशानी न हो और उसे चिकित्सक के आने तक बिल्कुल हिलाएं-डुलाएं नहीं।
नोट-

बेहोश बच्चे को गोद में लेने का तरीका।
मूर्छित बच्चे को लिटाने का तरीका।
यदि पीड़ित की कमर या गर्दन पर चोट लगी हो तो उसकी प्राथमिक चिकित्सा करने के लिए अपने साथ किसी दूसरे की भी मदद लें। (देखें चित्र) गर्दन व पीठ हिलाएं बिना रोगी को करवट दिलाने की धीरे-धीरे कोशिश करें।

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