Wed, 20 Jan 2016 भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 20 जनवरी 2016 को आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से भारत के पांचवें नेवीगेशन उपग्रह आईआरएनएसएस1ई(इन्डियन रिजनल नेविगेशन सेटेलाईट सिस्टम) का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया. आईआरएनएसएस 1ई नामक इस उपग्रह का प्रक्षेपण पीएसएलवी सी-31,लॉन्च वेहिकल के माध्यम से किया जाएगा. यह प्रक्षेपण सतीश धवन अन्तरिक्ष केंद्र के दुसरे लॉन्च पैड से किया गया. पिछले 4 आईआरएनएसएस प्रक्षेपणों की ही तरह इस प्रक्षेपण में भी पीएसएलवी के एक्स एल संस्करण का उपयोग किया गया है. इससे पूर्व आईआरएनएसएस 1ए, आईआरएनएसएस 1बी, आईआरएनएसएस 1सी और आईआरएनएसएस 1डी का प्रक्षेपण क्रमशः पीएसएलवी-C22, पीएसएलवी-C24, पीएसएलवी-C26 और पीएसएलवी-C27 के माध्यम से किया जा चुका है. 
आईआरएनएसएस1ई के बारे में
• आईआरएनएसएस1ई का कुल भार 1425 किलो है.
• आईआरएनएसएस1ई का विन्यास आईआरएनएसएस-1ए, 1बी, 1सी और 1डी के समान ही है.
• आईआरएनएसएस1ई अपने साथ दो पेलोड ले गया है – नेविगेशन पेलोड और रेंजिंग पेलोड.
• नेविगेशन पेलोड, नेविगेशन सिग्नल की सेवा प्रदान करेंगे. यह पेलोड एल5 और एस बैंड मैं कम करेगा.
• ज्ञात हो रुबिडियएम एटोमिक क्लॉक, नेविगेशन पेलोड का एक हिस्सा जिसका उद्देश्य नेविगेशन को और सटीक बनाना है.
• इसके अतिरिक्त रेंजिंग पेलोड सी बैंड पर काम करेगा.
• इस उपग्रह में रेंजिंग के उद्देश्य से कॉर्नर क्यूब रेट्रो रिफ्लेक्टर को भी शामिल किया गया है. Now get latest Current Affairs on mobile, Download # 1 Current Affairs App
Sent via JagranJosh Team.
आईआरएनएसएस1ई के बारे में
• आईआरएनएसएस1ई का कुल भार 1425 किलो है.
• आईआरएनएसएस1ई का विन्यास आईआरएनएसएस-1ए, 1बी, 1सी और 1डी के समान ही है.
• आईआरएनएसएस1ई अपने साथ दो पेलोड ले गया है – नेविगेशन पेलोड और रेंजिंग पेलोड.
• नेविगेशन पेलोड, नेविगेशन सिग्नल की सेवा प्रदान करेंगे. यह पेलोड एल5 और एस बैंड मैं कम करेगा.
• ज्ञात हो रुबिडियएम एटोमिक क्लॉक, नेविगेशन पेलोड का एक हिस्सा जिसका उद्देश्य नेविगेशन को और सटीक बनाना है.
• इसके अतिरिक्त रेंजिंग पेलोड सी बैंड पर काम करेगा.
• इस उपग्रह में रेंजिंग के उद्देश्य से कॉर्नर क्यूब रेट्रो रिफ्लेक्टर को भी शामिल किया गया है. Now get latest Current Affairs on mobile, Download # 1 Current Affairs App
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