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शनिवार, 30 अप्रैल 2016

"Hindi Baal Kathayein"

फजल की पितृभक्ति :
बगदाद का एक बहुत नामी बादशाह था हारून रशीद। एक बार किसी कारण से वह अपने वजीर पर नाराज हो गया। उसने वजीर और उसके लड़के फजल को जेल में डलवा दिया।

वजीर को ऐसी बीमारी थी कि ठंडा पानी उसे हानि पहुंचाता था। उसे सबेरे हाथ-मुंह धोने के लिए गरम पानी आवश्यक था। लेकिन जेल में गरम पानी कहां से आता। वहां तो कैदियों को ठंडा पानी ही दिया जाता था।

फजल रोज शाम को लोटे में पानी भरकर लालटेन के ऊपर रख दिया करता था। रातभर में लालटेन की गर्मी से पानी गरम हो जाता था। उसी से उसके पिता हाथ-मुंह धोते थे।

उस जेल का जेलर बड़ा ही निर्दयी था। जब उसको पता लगा कि फजल अपने पिता के लिए लालटेन पर पानी गरम करता है तो उसने लालटेन वहां से हटवा दी। अब फजल के पिता को ठंडा पानी मिलने लगा। उससे उसकी बीमारी बढ़ने लगी। फजल से पिता का कष्ट नहीं देखा गया। उसने एक उपाय किया।

शाम को वह लोटे में पानी भरकर अपने पेट से लोटा लगा लेता था। रातभर उसके शरीर की गरमी से लोटे का पानी कुछ न कुछ गरम हो जाता था। उसी पानी से वह सबेरे अपने पिता के हाथ-मुंह धुलाता था। लेकिन रातभर पानी भरा लोटा पेट से लगाए रहने के कारण फजल सो नहीं सकता था। नींद आने पर लोटे के पानी के गिर जाने का भय था।

जब जेलर को बालक फजल की इस पितृभक्ति का पता लगा तो उसका निर्दय हृदय भी दया से पिघल गया। उसने फजल के पिता को गरम पानी देने की व्यवस्था कर

बुधवार, 27 अप्रैल 2016

इसलिए सूर्य से नहीं मिल पाता भरपूर विटामिन डी | कैसे होती है बोन कैंसर की शुरूआत

 
April 28, 2016 | www.onlymyhealth.com
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इसलिए सूर्य से नहीं मिल पाता भरपूर विटामिन डी

सौंदर्य विटामिन डी हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है, इसका सबसे प्रमुख स्रोत सूर्य है, लेकिन कुछ कारणों से हम शरीर के लिए पर्याप्‍त मात्रा में विटामिन डी अवशोषित नहीं कर पाते हैं, ये हैं इसके कारण।

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कैसे होती है बोन कैंसर की शुरूआत

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स्क्रब करते समय इन बातों का ध्यान रखें

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अपने हाथ के आकार से जानें कैसा है आपका व्‍यक्तित्‍व

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हेयर ट्रांसप्लांट में कहाँ के बाल लिए जा सकते हैं

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Knowledge

. मंदिर में घंटा लगाने का कारण 

जब भी मंदिर में प्रवेश किया जाता है तो दरवाजे पर घंटा टंगा होता है जिसे बजाना होता है। मुख्य मंदिर (जहां भगवान की मूर्ति होती है) में भी प्रवेश करते समय घंटा या घंटी बजानी होती है, इसके पीछे कारण यह है कि इसे बजाने से निकलने वाली आवाज से सात सेकंड तक गूंज बनी रहती है जो शरीर के सात हीलिंग सेंटर्स को सक्रिय कर देती है।

Knowledge

दीपक के ऊपर हाथ घुमाने का वैज्ञानिक कारण 

आरती के बाद सभी लोग दिए पर या कपूर के ऊपर हाथ रखते हैं और उसके बाद सिर से लगाते हैं और आंखों पर स्पर्श करते हैं। ऐसा करने से हल्के गर्म हाथों से दृष्टि इंद्री सक्रिय हो जाती है और बेहतर महसूस होता है।

मंगलवार, 26 अप्रैल 2016

कैंसर से बचने के उपाय -

कैंसर से बचने के उपाय खोजने से बेहतर है इस से बचा ही जाये क्योंकि ये एक गंभीर बीमारी है

जिस से बचने के लिए हमे कुछ अधिक नहीं करना होता है जबकि ऐसा होता है जब मैं किसी को गुटके या अन्य तम्बाकू के Product न use करने को कहता हूँ तो उल्टा मुझे सुननी पड़ती है कि

" फलाने ने तो पूरी जिन्दगी खाया उसे तो कुछ नहीं हुआ " |

तो भाई आप किसी और की बात क्यों करते है खुद की करिए न ?

और असल में ऐसा इसलिए है कि आज के मुकाबले पहले के लोग हमसे कंही अधिक मेहनत वाली और मुश्किल जिन्दगी जीते थे इसलिए " उनका रोग प्रतिरोधक सिस्टम" भी तो मजबूत था जबकि आज के विलासिता पूर्ण जिन्दगी में ऐसा नहीं है चलिए हम कैंसर के बारे में और उस से बचने के लिए कुछ अहम् बातों पर नजर डालते है |


 

आप भी मेरी तरह ये कह सकते है कि अब तो ये बीमारी आम है और बदलती जीवनशैली या खानपान का ही दुष्प्रभाव है चाहे कितना ही संयम वाली जिन्दगी जी लो लेकिन सच्चाई यही है कि हम अगर अपनी जिन्दगी में छोटी छोटी बातों का ध्यान रखे तो बड़ी आसानी से कैंसर जैसी भयावह बीमारी से बच सकते है |

कैंसर के तेजी से फैलने की वजह –

असल में कैंसर के तेजी से फैलने की वजह एक्सपर्ट भी हमारी दैनिक जीवनशैली में आये बदलाव को मानते है |

मुख्यत तम्बाकू के सेवन , शराब का सेवन अधिक वसा और मांसाहारी भोजन इसकी मुख्य वजह है जबकि कुछ लोग कहते है कि nonveg खाने से अगर कैंसर होता तो बहुत सारे लोग कैंसर से पीड़ित होते विदेशो में इसकी तादाद और भी अधिक होगी तो आपको बता दें कि विकसित देशों में लोग खाने के हईजेनिक होने पर बहुत ध्यान देते है

और nonveg पर तो उस से भी अधिक जबकि हमारे यंहा आमतौर पर ऐसा नहीं होता है | इसलिए संभव हो तो मांसाहार से बचे |

क्या वाकई तम्बाकू वजह है कैंसर की ?– कैंसर के जितने भी मरीज सामने आते है उनमे से 40 प्रतिशत वो होते है जिनकी जीवनशैली इस तरीके की होती है

जैसी नहीं होनी चाहिए | बीडी सिगरेट गुटखा और ऐसी ही तम्बाकू वाली चीज़े खाने से मुहं के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है और चूँकि ये चीज़े एक धीमे जहर की तरह होती है इसलिए आप इनसे बचे ही रहे क्योंकि दूरगामी बुरे परिणाम होते है इन चीजों के और जब हमे अहसास होता है तो हम कुछ अधिक करने की स्थिति में नहीं होते इसलिए बेहतर है कि इनसे दूर रहकर आप अपनी सेहत और पैसो दोनों को सहेज कर रख सकते है |

मांसाहारी होने से कैंसर हो सकता है –  

चूँकि आज के समय में लोगो को पाचन क्षमता कम होने सम्बन्धी चीजों से दो चार होना होता है और ढाबों या होटलों में मांसाहार के मामले में अधिक साफ सफाई नहीं होने की वजह से ये भी आमतौर पर अगर इनका अधिक सेवन किया जाये तो स्वस्थ्य के लिए हानिकारक ही साबित होते है और कैंसर होने का खतरा भी कई गुना अधिक बढ़ जाता है | इस से आपको आंतों के कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है |

स्तनपान से कैंसर का ताल्लुक – स्तन कैंसर होने का खतरा उन महिलाओं को अधिक होता है जो बच्चे को दूध नहीं पिलाती है उन महिलाओं के मुकाबले जो नियमित स्तनपान कराती है |

इसलिए महिला की सुरक्षा और बच्चे के विकास के लिए आवश्यक है कि महिलाएं नियमित रूप से बच्चे को स्तनपान करवाएं |

मोटापे से कैंसर का खतरा – 

मोटापा भी कैंसर के लिए सम्भावना बढ़ा देता है क्योंकि मोटे लोगो में पेट का और स्तन का कैंसर होने की सम्भावना बढ़ जाती है क्योंकि इस से कोलेस्ट्राल बढ़ता है जो दिल की सारी बीमारियों की जड़ है इसलिए मोटापे का खास तौर पर ध्यान रखें और

इसके लिए नियमित व्यायाम करना एक अच्छा विकल्प है जिसकी मदद से आप बड़ी आसानी से कैंसर होने की संभावनाओं को कम कर सकते है |

कैंसर से बचने का कोई सीधा उपाय –

कैंसर की श्रेणी में सर्वाइकल कैंसर से बचने के लिए एक वैक्सीन बाजार में उपलब्ध है और यह तीन डोज के रूप में पहले से छ्टे महीने के अंदर दिया जा सकता है और यह टीका 11 वर्ष से 40 वर्ष की महिलाओं को दिया जा सकता है जिसकी मदद से कैंसर का खतरा बहुत हद तक कम हो सकता है |

मेरी राय – जब हमारे पास एक ही जिन्दगी है तो इसे हर तरह के अच्छे बुरे कामों और आदतों से खराब करने की बजाय आप अपनी जीवनशैली को इस कदर मैनेज करे कि आपके आने वाली आगे की पीढियां आपसे प्रेरणा लें और जब हमारे पास सात्विक और शाकाहारी भोजन प्रचुर मात्र में उपलब्ध है तो मांसाहार पर इतना जोर देने की आवश्यकता ही क्या है जबकि शाकाहार सहज और सरलता से हमारे पास उपलब्ध है और वो भी मांसाहार से कम कीमत पर  इसलिए आप अपनी जिन्दगी को सही मायनो में सात्विकता से जिए 

🙏🏻🙏🏻😊🙏🏻🙏🏻

Hindi story

ये कहानी
हर मध्यम व छोटे वर्ग किसान की है.
….
कहते हैं..
इन्सान सपना देखता है
तो वो ज़रूर पूरा होता है.

मगर
किसान के सपने
कभी पूरे नहीं होते
बड़े अरमान और कड़ी मेहनत से फसल तैयार करता है और जब तैयार हुई फसल को बेचने मंडी जाता है.

बड़ा खुश होते हुए जाता है.

बच्चों से कहता है
आज तुम्हारे लिये नये कपड़े लाऊंगा फल और मिठाई भी लाऊंगा,

पत्नी से कहता है..
तुम्हारी साड़ी भी कितनी पुरानी हो गई है फटने भी लगी है आज एक साड़ी नई लेता आऊंगा.

पत्नी:–"अरे नही जी..!"
"ये तो अभी ठीक है..!"
"आप तो अपने लिये
जूते ही लेते आना कितने पुराने हो गये हैं और फट भी तो गये हैं..!"

जब
किसान मंडी पहुँचता है .

ये उसकी मजबूरी है
वो अपने माल की कीमत खुद नहीं लगा पाता.

व्यापारी
उसके माल की कीमत
अपने हिसाब से तय करते हैं.

एक
साबुन की टिकिया पर भी उसकी कीमत लिखी होती है.

एक
माचिस की डिब्बी पर भी उसकी कीमत लिखी होती है.

लेकिन किसान
अपने माल की कीमत खु़द नहीं कर पाता .

खैर..
माल बिक जाता है,
लेकिन कीमत
उसकी सोच अनुरूप नहीं मिल पाती.

माल तौलाई के बाद
जब पेमेन्ट मिलता है.

वो सोचता है
इसमें से दवाई वाले को देना है, खाद वाले को देना है, मज़दूर को देना है ,

अरे हाँ,
बिजली का बिल
भी तो जमा करना है.

सारा हिसाब
लगाने के बाद कुछ बचता ही नहीं.

वो मायूस हो
घर लौट आता है
बच्चे उसे बाहर ही इन्तज़ार करते हुए मिल जाते हैं.

"पिताजी..! पिताजी..!" कहते हुये उससे लिपट जाते हैं और पूछते हैं:-
"हमारे नये कपडे़ नहीं ला़ये..?"

पिता:–"वो क्या है बेटा..,
कि बाजार में अच्छे कपडे़ मिले ही नहीं,
दुकानदार कह रहा था
इस बार दिवाली पर अच्छे कपडे़ आयेंगे तब ले लेंगे..!"

पत्नी समझ जाती है, फसल
कम भाव में बिकी है,
वो बच्चों को समझा कर बाहर भेज देती है.

पति:–"अरे हाँ..!"
"तुम्हारी साड़ी भी नहीं ला पाया..!"

पत्नी:–"कोई बात नहीं जी, हम बाद में ले लेंगे लेकिन आप अपने जूते तो ले आते..!"

पति:– "अरे वो तो मैं भूल ही गया..!"

पत्नी भी पति के साथ सालों से है पति का मायूस चेहरा और बात करने के तरीके से ही उसकी परेशानी समझ जाती है
लेकिन फिर भी पति को दिलासा देती है .

और अपनी नम आँखों को साड़ी के पल्लू से छिपाती रसोई की ओर चली जाती है.

फिर अगले दिन
सुबह पूरा परिवार एक नयी उम्मीद ,
एक नई आशा एक नये सपने के साथ नई फसल की तैयारी के लिये जुट जाता है.
….

ये कहानी
हर छोटे और मध्यम किसान की ज़िन्दगी में हर साल दोहराई जाती है
…..

हम ये नहीं कहते
कि हर बार फसल के
सही दाम नहीं मिलते,

लेकिन
जब भी कभी दाम बढ़ें, मीडिया वाले कैमरा ले के मंडी पहुच जाते हैं और खबर को दिन में दस दस बार दिखाते हैं.

कैमरे के सामने शहरी महिलायें हाथ में बास्केट ले कर अपना मेकअप ठीक करती मुस्कराती हुई कहती हैं..
सब्जी के दाम बहुत बढ़ गये हैं हमारी रसोई का बजट ही बिगड़ गया.
………

कभी अपने बास्केट को कोने में रख कर किसी खेत में जा कर किसान की हालत तो देखिये.

वो किस तरह
फसल को पानी देता है.

१५ लीटर दवाई से भरी हुई टंकी पीठ पर लाद कर छिङ़काव करता है,

२० किलो खाद की
तगाड़ी उठा कर खेतों में घूम-घूम कर फसल को खाद देता है.

अघोषित बिजली कटौती के चलते रात-रात भर बिजली चालू होने के इन्तज़ार में जागता है.

चिलचिलाती धूप में
सिर का पसीना पैर तक बहाता है.

ज़हरीले जन्तुओं 🦂🐍🐉
का डर होते भी
खेतों में नंगे पैर घूमता है.
……

जिस दिन
ये वास्तविकता
आप अपनी आँखों से
देख लेंगे, उस दिन आपके
किचन में रखी हुई सब्ज़ी, प्याज़, गेहूँ, चावल, दाल, फल, मसाले, दूध
सब सस्ते लगने लगेंगे.

🌾🌱🌽🌶🍆🍅🍍🍑🍒🍈🍓🍇🍉🍌🍋🍊🍐🍎🍏🐡🐐🐃🐏🐑🐖🐓🐁🕊🐄🐂🦃🐣

सोमवार, 25 अप्रैल 2016

गर्मी में खाना खराब होने से बचाने के तरीको के बारे में जानें | काजू खायें तनाव दूर भगायें

 
April 26, 2016 | www.onlymyhealth.com
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गर्मी में खाना खराब होने से बचाने के तरीको के बारे में जानें

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काजू खायें तनाव दूर भगायें

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