भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) की एक अभियान में रिकॉर्ड 22 उपग्रहों को कक्षा में स्थापित करने की योजना है. यह प्रक्षेपण श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से मई 2016 में किया जायेगा. यह प्रक्षेपण यान इसरो के इतिहास में पहली बार 22 उपग्रहों को कक्षा में स्थापित करेगा. ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान, पीएसएलवी C34 भारतीय रिमोट सेंसिंग उपग्रह कारटोसेट 2सी के अलावा 85 से 130 किलोग्राम के चार माइक्रो उपग्रह और 4 से 30 किलोग्राम के 17 नैनो उपग्रह अंतरिक्ष में लेकर जाएगा. इस अभियान में 18 विदेशी उपग्रह हैं, जिसमें अमेरिका, कनाडा, र्जमनी और इंडोनेशिया के उपग्रह शामिल हैं. इनमें दो नैनो उपग्रह को पुणे इंजीनियरिंग कॉलेज तथा सत्यभामा विश्वविद्यालय, चेन्नई द्वारा विकसित किया गया. गौरतलब है कि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के पास एक मिशन में सर्वाधिक उपग्रह प्रक्षेपित करने का रिकॉर्ड है. नासा ने वर्ष 2013 में एक अभियान में 29 उपग्रहों को कक्षा में स्थापित किया था.
माइक्रोसेटेलाइट मेरीटाइम मोनिटरिंग एंड मैसेजिंग माइक्रोसेटेलाइट (एम3एमसैट): कनाडा के एम3एमसैट माइक्रोसेटेलाइट का उपयोग पृथ्वी की निम्न कक्षा के सिग्नलों के स्वत: पहचान करने में होगा.लापान ए3: इंडोनेशिया के लापान ए3 का उपयोग पृथ्वी एवं चुंबकीय क्षेत्रों की निगरानी में किया जाएगा.बाइरोस: जर्मनी के बाइरोस का उपयोग उच्च ताप पर रिमोट सेंसिंग में होगा.स्काईसैट जेन2-1: अमेरिका के स्काईसैट का इस्तेमाल पृथ्वी की इमेजिंग में किया जाएगा.
Translate
रविवार, 17 अप्रैल 2016
इसरो की एक अभियान में रिकॉर्ड 22 उपग्रहों को कक्षा में स्थापित करने की योजना
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें