आत्मा से कमजोर और चरित्र से दुर्बल व्यक्ति से कभी भी दोस्ती न करें क्योंकि वह आप पर उस समय हमला कर सकता है जब आपका समय कमजोर हो या जिस समय आपको अंदाजा भी नहीं हो।
हजारों पशुओं के बीच भी बछड़ा अपनी माता के पास ही आ जाता है, वैसे ही आपके कर्मो के फल भी इस जगत में मौजूद होते हैं जिसे तुम्हें ढूंढना नहीं होता है वह बछड़े के समान पास आ ही जाता है। अत: चाणक्य सदैव अच्छे कर्म की सलाह देते हैं।
हजारों पशुओं के बीच भी बछड़ा अपनी माता के पास ही आ जाता है, वैसे ही आपके कर्मो के फल भी इस जगत में मौजूद होते हैं जिसे तुम्हें ढूंढना नहीं होता है वह बछड़े के समान पास आ ही जाता है। अत: चाणक्य सदैव अच्छे कर्म की सलाह देते हैं।
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