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सोमवार, 27 जुलाई 2015

Baat pate ki.....

सांप अगर विषैला नहीं है तो भी उसे फुफकारना नहीं छोड़ना चाहिए। क्योंकि अगर उसने स्वयं को विषहीन सिद्ध कर दिया तो उसके प्राण संकट में पड़ जाएंगे। इसी तरह व्यक्ति को भी किसी को हानि नहीं पहुंचाना चाहिए पर अगर कोई कमजोर समझ कर आप पर हावी होने की कोशिश करें तो उसे यह अहसास दिला देना चाहिए कि आप स्वयं को लेकर सजग है और किंचित क्रोध या विरोध का प्रदर्शन कर ही देना चाहिए। 
 

किसी वस्तु की सुगंध को फैलाने के लिए ठंडी बयार की जरूरत होती है, उसी तरह व्यक्ति के गुण या योग्यता भी मुंह से कहने की आवश्यकता नहीं वह स्वत : ही प्रसारित होते हैं सुगंध के समान। जिस तरह सुगंध को दबाकर नहीं रखा जा सकता उसी तरह अच्छे गुण भी दबकर नहीं रह सकते। ख्याति की मीठी बयार उसे मिल ही जाती है। 

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