जो भी ये कहता है कि ग्राहकों के लिये ज्यादा से ज्यादा विकल्प उपलब्ध होना अच्छा है निश्चित रूप से उसे मार्केटिंग की जानकारी नही है।
एक प्रयोग ये बताता है कि लोगों को जब 6 विकल्प में से चुनने के लिये कहा गया तो उन्हें कम समय लगा जबकि 24 विकल्पों में से चुनाव करने के लिये उनका वार्तालाप बहुत लंबा चला।
बहुत अधिक विकल्पों के साथ ग्राहक चुनाव करने के बोझ तले दब जाता है। क्या ऐसा ही सेवानिवृत्ति योजनाओं के साथ हो रहा है ? क्या यही कारण है कि समझदार लोग सेवानिवृत्ति प्लान लेना टालते जा रहे हैं ?
आजकल विभिन्न कारण हैं जिनसे रिटायरमेंट की योजना बनना जरूरी हो गया है, जैसे लंबी जीवन अवधि, बढते हुए चिकित्सा खर्चे, मुद्रास्फीति आदि। फिर भी रिटायरमेंट प्लान लेने वालों की संख्या कम है।
तो आप एक बार उपलब्ध विकल्पों पर नजर क्यों नही डालते-
इक्विटी- परंपरागत रूप से ये सेवानिवृत्ति प्लान के लिये उपयुक्त नही माने जाते, लेकिन अगर आप जल्दी शुरू करते हैं तो यो आपके निवेशों को उछाल दे सकते हैं।
बीमा- ये सेवानिवृत्ति योजने के लिये प्रयोग होने वाला एक उपयुक्त साधन है लेकिन विशेषज्ञ कहते हैं कि इसे केवल जोखिम सुरक्षा के रूप में प्रयोग करना चाहिये, न कि एक निवेश माध्यम के रूप में ।
प्रोविडेंट फंड तथा सरकारी फंड – सदाबहार पसंदीदा विकल्पों में से एक, हमारे बङे बूढे हमेशा से इन कम जोखिम वाली योजना में विश्वास रखते हैं।
फिक्सड डिपॉजिट — सुरक्षित व विश्वसनीय , लेकिन मुद्रास्फीति के समय के साथ ये कम रिटर्न दे सकते हैं।
म्यूचुअल फंड- ये विकल्प अक्सर सुझाये जाते हैं। इसमें पेशेवरों का अनुभव और विशेषज्ञता साथ में मिलता है।
प्रॉपर्टी- लंबी अवधि के लिये पूर्णतया प्रोत्साहित किया गया ऐसेट.खा��
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