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मंगलवार, 28 जुलाई 2015

कलाम की कहानी, गुलज़ार की जुबानी



मिसाइल मैन के नाम से मशहूर भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम का कल रात शिलांग में निधन हो गया। वो 83 साल के थे। डॉक्टर कलाम कल शाम साढ़े छह बजे आईआईएम लॉन्ग में एक लेक्चर के दौरान अचानक गिर गए। अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। एपीजे अब्दुल अब्दुल के शव को आज शिलॉन्ग से दिल्ली लाया गया जहां उनके अंतिम दर्शन होंगे। फिर उनके पार्थिव शरीर को उनके गृहनगर रामेश्वरम ले जाया जाएगा और अंतिम संस्कार किया जाएगा। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉक्टर कलाम को श्रद्धांजलि दी है और उनके निधन पर 7 दिनों के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है।

पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडू के रामनाथपुरम जिले के रामेश्वरम में हुआ था। मिसाइलमैन नाम से मशहूर डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अबुल पाकिल जैनुलआबदीन अब्दुल कलाम था। एपीजे अब्दुल कलाम ने मद्रास इंस्टिट्यूट्स ऑफ टेक्नोलॉजी से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की।

देश के परमाणु और अंतरिक्ष कार्यक्रमों में महत्वपूर्ण योगदान के लिए कलाम को भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। राष्ट्रपति पद पर अपने कार्यकाल के दौरान भी कलाम ने काफी ख्याति अर्जित की। खासतौर पर बच्चों के बीच वो काफी लोकप्रिय थे। वो देश के ग्यारहवें राष्ट्रपति थे और साल 2002 से 2007 तक इस पद पर रहे। राष्ट्रपति कलाम ने ही भारत के विकास से जुड़ा विजन 2020 का कॉन्सेप्ट सबसे पहले सामने रखा था। सीएनबीसी-आव़ाज कलाम की कहानी गुलज़ार की जुबानी के जरिए राष्ट्र की इस महान हस्ती को अर्पित कर रहा है अपनी श्रद्धांजलि।

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