मुंबई। वेदांता के एल्यूमीनियम बिजनेस में भारी गिरावट आई है, जिसकी वजह से कंपनी बड़ी तादाद में कर्मचारियों की छंटनी कर सकती है। ग्लोबल मार्केट में एल्यूमीनियम के दाम कम होने और आयात बढ़ने की वजह से ऐसी स्थिति बनी।
कंपनी ने सरकार से आग्रह किया है कि एल्यूमीनियम के आयात पर अंकुश लगाने के लिए सीमा शुल्क दोगुना कर दिया जाए। अरबपति उद्यमी अनिल अग्रवाल की कंपनी का एल्यूमीनियम बिजनेस इस कदर गिर गया है कि इसका मेन प्लांट महज एक तिहाई क्षमता पर चल रहा है।
दिलचस्प है कि साल के पहले छह महीनों के दौरान दुनियाभर में एल्यूमीनियम का उत्पादन साल 2010 के बाद सबसे तेज गति से बढ़ी है। एल्यूमीनियम के सबसे बड़े उत्पादक चीन ने उत्पादन 18 प्रतिशत बढ़ा दिया है, जबकि दुनियाभर के बाजारों में इस मेटल का उत्पादन 10.3 प्रतिशत बढ़ा है।
कीमत 6 साल में सबसे कम
लंदन मेटल एक्सचेंज (एलएमई) पर एल्यूमीनियम की कीमत करीब पिछले 6 साल के न्यूनतम स्तर पर आ गई है। इस वजह से वेदांता जैसी भारतीय कंपनियों का मार्जिन 75 प्रतिशत तक घट गया है। दूसरी ओर कच्चे माल की लागत या तो बढ़ी है या फिर स्थिर है।
प्लांट चालू रखना मुश्किल
एल्यूमीनियम का उत्पादन करने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी वेदांता के सीईओ (एल्यूमीनियम बिजनेस) अभिजित पाटी ने कहा, 'यदि किसी भी समय कीमतों में आगे गिरावट आती है, तो जाहिर है घरेलू एल्यूमीनियम कंपनियों के लिए प्लांट चालू रखने की गुंजाइश नहीं बचेगी। हमें कुछ कड़े फैसले करने होंगे। हमने पहले ही खर्चों में कटौती शुरू कर दी है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। हम बड़ी तादाद में छंटनी करने जा रहे हैं।'
फिलहाल अंतिम फैसला बाकी
वेदांता के एल्यूमीनियम बिजनेस में कर्मचारियों की संख्या लगभग 17,000 है, जिसमें कंपनी की पार्टनर एजेंसियों के कर्मचारी शामिल हैं। बहरहाल, पाटी ने कहा कि कंपनी ने अब तक छंटनी को लेकर अंतिम फैसला नहीं किया है।
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