अमेरिका में जल्द ब्याज दरें बढ़ने की आशंका से ब्रोकरेज हाउस और बाजार के एक्सपर्ट की राय में अब बदलाव आ रहा है। अगले हफ्ते 28-29 जुलाई को अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों पर बैठक है। इसके चलते भारतीय और ग्लोबल मार्केट में बड़ी उठा-पठक देखने को मिल सकती है। एक्सपर्ट मान रहे हैं कि अमेरिका में बेरोजगारी दर 2008 के निचले स्तर पर है, ऐसे में अमेरिकी सेंट्रल बैंक जल्द ब्याज दरों पर फैसला ले सकता है। अगर दरों में बढ़ोत्तरी होती है तो भारतीय शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिल सकती है। इस गिरावट में सबसे ज्यादा असर आईटी, बैंकिंग, इंफ्रा और रियल्टी सेक्टर पर होगा।
ब्याज दरें बढ़ने से ऐसे पड़ेगा भारत पर असर
अमेरिका में अगर ब्याज दरें बढ़ती हैं तो यह इस बात का संकेत होगा कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था अपने खराब दौर से निकल चुकी है। ऐसे में विदेशी निवेशकों ने जो पैसा भारतीय बाजारों में लगा रखा है, वह बाहर निकलने लगेगा। ऐसे में भारतीय बाजारों में भारी बिकवाली देखने को मिल सकती है।
बैंकिंग, इंफ्रा और आईटी पर होगा सबसे ज्यादा असर
अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ने से भारत की आईटी, बैंकिंग, इंफ्रा और रियल्टी कंपनियों पर ज्यादा असर होगा, क्योंकि आईटी कंपनियों की कुल आय का 60 फीसदी हिस्सा अमेरिका और यूरोप से आता है। साथ ही इंफ्रा और रियल्टी सेक्टर की बड़ी कंपनियों ने डॉलर में बड़ा कर्ज लिया हुआ है। ब्याज दरें बढ़ने से डॉलर इंडेक्स में तेजी आएगी, इससे कंपनियों पर कर्ज का बोझ बढ़ जाएगा।
मौजूदा स्तर से शेयर बाजार में गिरावट संभव
फॉर्च्यून फिस्कल के डायरेक्टर जगदीश ठक्कर कहते हैं कि अमेरिका में अगर ब्याज दरें बढ़ने की घोषणा होती है, तो बाजार में गिरावट देखने को मिल सकती है। इस बार की फेड बैठक में सितंबर से ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की वृद्धि करने का निर्णय हो सकता है।
क्या कहते हैं बाजार के विशेषज्ञ
बोनांजा पोर्टफोलियो के एवीपी पुनीत किनरा का कहना है फेड की बैठक में इस बार ब्याज दरें बढ़ाने पर फैसला होने की उम्मीद है। इससे बाजार में गिरावट गहरा सकती है। ऐसे में निवेशकों को कुछ चुनिंदा शेयरों पर ही दांव लगाना चाहिए।
क्या हो निवेशकों की रणनीति
मायस्टॉक के हेड लोकेश उप्पल कहते हैं कि बाजार में बिकवाली एंटर होने के लिए एक अच्छा मौका है। इस समय ऑटोमोबाइल और इंजीनियरिंग जैसे सेक्टरों में निवेश के अच्छे मौके हैं।
ट्रेडर्स कर सकते हैं ऐसा ट्रेड
स्टॉक एक्सिस के रिसर्च हेड बृजेश सिंह के मुताबिक चार्ट पर निफ्टी कमजोर नजर आ रहा है। निफ्टी में ऊपरी स्तरों पर बिकवाली की पूरी संभावनाएं बनी हुई हैं। निफ्टी फ्यूचर्स में बिकवाली करें, लक्ष्य 8350 का रहेगा। अगर निफ्टी इसे भी तोड़ता है तो नीचे की ओर 8200 तक का स्तर भी देखने को मिल सकता है। वहीं, ऊपर की ओर 8650 का महत्वपूर्ण रेजिस्टेंस है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें