कपूर जलाना : प्रतिदिन सुबह और शाम घर में संध्यावंदन के समय कपूर जरूर जलाएं। हिन्दू धर्म में संध्यावंदन, आरती या प्रार्थना के बाद कर्पूर जलाकर उसकी आरती लेने की परंपरा है। पूजन, आरती आदि धार्मिक कार्यों में कर्पूर का विशेष महत्व बताया गया है। रात्रि में सोने से पूर्व कर्पूर जलाकर सोना तो और भी लाभदायक है।
हिन्दू धर्म में 'कर्पूर' जलाना क्यों जरूरी?
कर्पूरगौरम करुणावतारम संसारसारं भुजगेंद्रहारम।
सदावसंतम हृदयारविन्दे भवम भवानी सहितं नमामि।।
अर्थात : कर्पूर के समान चमकीले गौर वर्ण वाले, करुणा के साक्षात अवतार, इस असार संसार के एकमात्र सार, गले में भुजंग की माला डाले, भगवान शंकर जो माता भवानी के साथ भक्तों के हृदय कमलों में सदा सर्वदा बसे रहते हैं... हम उन देवाधिदेव की वंदना करते हैं।
हिन्दू धर्म में 'कर्पूर' जलाना क्यों जरूरी?
कर्पूरगौरम करुणावतारम संसारसारं भुजगेंद्रहारम।
सदावसंतम हृदयारविन्दे भवम भवानी सहितं नमामि।।
अर्थात : कर्पूर के समान चमकीले गौर वर्ण वाले, करुणा के साक्षात अवतार, इस असार संसार के एकमात्र सार, गले में भुजंग की माला डाले, भगवान शंकर जो माता भवानी के साथ भक्तों के हृदय कमलों में सदा सर्वदा बसे रहते हैं... हम उन देवाधिदेव की वंदना करते हैं।
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