नवजात शिशु का भोजन
Diet of newly born baby
गर्भावस्था-ऑल आर्टिकल्स :
गर्भावस्था की योजना
मनचाही संतान
भ्रूण का विकास
गर्भावस्था के लक्षण
गर्भधारण के बाद सावधानियां
गर्भावस्था में कामवासना
गर्भावस्था के दौरान होने वाले अन्य बदलाव
गर्भावस्था में स्त्री का वजन
गर्भावस्था की प्रारिम्भक समस्याएं
गर्भावस्था के दौरान होने वाली सामान्य तकलीफें और समाधान
कुछ महत्वपूर्ण जांचे
गर्भावस्था में भोजन
गर्भावस्था में संतुलित भोजन
गर्भावस्था में व्यायाम
बच्चे का बढ़ना
गर्भावस्था के अन्तिम भाग की समस्याएं
प्रसव के लिए स्त्री को प्रेरित करना
प्रसव प्रक्रिया में सावधानियां
अचानक प्रसव होने की दशा में क्या करें
समय से पहले बच्चे का जन्म
प्रसव
जन्म
नवजात शिशु
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दूध की मात्रा
कितनी बार
समय
नवजात शिशु
75 से 90 ग्राम
6
1 घंटे के बाद
1 से 3 माह
100 से 150 ग्राम
5
2 घंटे बाद
3 से 6 माह
150 से 240 ग्राम
5
3 घंटे बाद
6 से 7 माह
200 से 300 ग्राम
4
4 घंटे बा
नवजात शिशु-
ऐसे नवजात शिशु जो केवल मां के दूध पर निर्भर होते हैं, उन्हें पानी देने की कोई जरूरत नहीं, लेकिन दस्त या बुखार हो जाने पर उन्हे उबला और साफ पानी केवल दो चम्मच दिया जा सकता है।
1.5 से 3 महीने तक का शिशु-
इस आयु के नवजात शिशु को स्तनपान या केवल गाय, भैंस का दूध सेवन के लिए दिया जा सकता है।
3 से 6 महीने का बच्चा-
3 से 6 महीने तक की आयु के बच्चों को मां का दूध, गाय-भैंस का दूध, सूजी का पका हुआ रवा, बिस्कुट, केला, उबला हुआ आलू, कसा हुआ सेब, अण्डे की जर्दी, शहद और मूंग की दाल का पानी आदि दिया जा सकता है।
6 से 9 महीने तक की आयु का बच्चा-
इस उम्र के बच्चे को भोजन के रूप में दूध, सूजी का पका हुआ रवा, मूंग की पतली दाल, खिचड़ी का पानी, बिस्कुट, फलों का रस, सब्जियों का जूस और उबले मीट का जूस, अण्डे का पीला भाग, दही, फिरनी और कस्टर्ड आदि सेवन के लिए दिया जा सकता है।
9 महीने से अधिक उम्र का बच्चा-
ऐसे बच्चे को सभी प्रकार का भोजन जो घर के सदस्यों द्वारा प्रयोग किया जाता है, खाने में दिया जा सकता है। ऐसे बच्चे को दिया जाने वाला भोजन साफ और ताजा होना जरूरी होता है। दिन में कई बार भोजन करना बच्चे के लिए हानिकारक होता है। इस कारण बच्चे को केवल तीन बार ही भोजन करने के लिए देना चाहिए। बच्चे के भोजन में वसा की मात्रा अधिक नहीं होनी चाहिए। चाय, केला, सिन्थेटिक जूस आदि का प्रयोग बच्चे के लिए हानिकारक होता है।
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कितनी बार
समय
नवजात शिशु
75 से 90 ग्राम
6
1 घंटे के बाद
1 से 3 माह
100 से 150 ग्राम
5
2 घंटे बाद
3 से 6 माह
150 से 240 ग्राम
5
3 घंटे बाद
6 से 7 माह
200 से 300 ग्राम
4
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नवजात शिशु-
ऐसे नवजात शिशु जो केवल मां के दूध पर निर्भर होते हैं, उन्हें पानी देने की कोई जरूरत नहीं, लेकिन दस्त या बुखार हो जाने पर उन्हे उबला और साफ पानी केवल दो चम्मच दिया जा सकता है।
1.5 से 3 महीने तक का शिशु-
इस आयु के नवजात शिशु को स्तनपान या केवल गाय, भैंस का दूध सेवन के लिए दिया जा सकता है।
3 से 6 महीने का बच्चा-
3 से 6 महीने तक की आयु के बच्चों को मां का दूध, गाय-भैंस का दूध, सूजी का पका हुआ रवा, बिस्कुट, केला, उबला हुआ आलू, कसा हुआ सेब, अण्डे की जर्दी, शहद और मूंग की दाल का पानी आदि दिया जा सकता है।
6 से 9 महीने तक की आयु का बच्चा-
इस उम्र के बच्चे को भोजन के रूप में दूध, सूजी का पका हुआ रवा, मूंग की पतली दाल, खिचड़ी का पानी, बिस्कुट, फलों का रस, सब्जियों का जूस और उबले मीट का जूस, अण्डे का पीला भाग, दही, फिरनी और कस्टर्ड आदि सेवन के लिए दिया जा सकता है।
9 महीने से अधिक उम्र का बच्चा-
ऐसे बच्चे को सभी प्रकार का भोजन जो घर के सदस्यों द्वारा प्रयोग किया जाता है, खाने में दिया जा सकता है। ऐसे बच्चे को दिया जाने वाला भोजन साफ और ताजा होना जरूरी होता है। दिन में कई बार भोजन करना बच्चे के लिए हानिकारक होता है। इस कारण बच्चे को केवल तीन बार ही भोजन करने के लिए देना चाहिए। बच्चे के भोजन में वसा की मात्रा अधिक नहीं होनी चाहिए। चाय, केला, सिन्थेटिक जूस आदि का प्रयोग बच्चे के लिए हानिकारक होता है।
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